भागलपुर : 19 मई को सीवान जेल से केंद्रीय कारा में शिफ्ट किये जाने के अगले ही दिन कमर दर्द की परेशानी को देखते हुए मो शहाबुद्दीन जेल अस्पताल में भरती करा दिया गया था. कहा जा रहा था कि उनके कमर में बहुत दर्द है और वे चल भी नहीं सकते. उनके लिए खड़ा रहना भी मुश्किल बताया गया. पर दिल्ली जाने के नाम से ही वे स्वस्थ हो गये या वे पहले से ही ठीक थे.
बात चाहे जो भी हो पर नवगछिया में सीढ़ियों से प्लेटफॉर्म पर चढ़ते हुए और उसके बाद ट्रेन की बॉगी में सवार होते हुए उन्हें देख कर कहीं से नहीं लग रहा था कि वे उतने बीमार रहे होंगे. वे सीढ़ी पर तेजी से चढ़ते दिखे और प्लेटफाॅर्म पर किसी भी पुलिस अधिकारी या सिपाही से ज्यादा तेज चलते दिखे. उनके चेहरे पर न तो शिकन थी और न ही बीमार होने की थकान. वे बड़े ही अच्छे मूड में पुलिसकर्मियों से बात करते हुए दिख रहे थे. किसी बाहरी व्यक्ति से उन्होंने बेशक ही बात नहीं की. बहरहाल सच्चाई कुछ भी हो पर दिल्ली स्थित एम्स में उनका इलाज बेहतर तरीके से तो जरूर होगा.
नवगछिया में उतरते ही पूछा किधर से चलना है. शहाबुद्दीन को कड़ी सुरक्षा में नवगछिया रेलवे स्टेशन ले जाया गया. कैदी वैन से एक एसआइ के साथ नीचे उतरते ही उन्होंने पूछा कि किधर से प्लेटफॉर्म पर चलना है. उन्हें बताया गया कि सीढ़ी से चलना होगा. वे सीढ़ी से चढ़ते हुए प्लेटफॉर्म नंबर दो पर पहुंचे. शहाबुद्दीन के नवगछिया से ट्रेन पकड़ने की खबर फैलते ही स्टेशन के आस-पास काफी संख्या में लाेग पहुंच गये. किसी को भी उनके पास जाने की अनुमति नहीं थी. वहां पुलिसकर्मियों के घेरा में वे बैठे. लगभग पंद्रह मिनट के इंतजार के बाद ट्रेन आयी और सुरक्षाकर्मियों के साथ वे ट्रेन में सवार हुए.
समर्थक पहले ही पहुंच गये दिल्ली. मो शहाबुद्दीन को बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना किया गया. पर उनके समर्थक और रिश्तेदार तीन दिन पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं. सूत्रों की मानें तो सीवान के अलावा भागलपुर, पटना, खगड़िया और छपरा के उनके समर्थक दिल्ली पहुंच गये हैं. यह भी खबर है कि राजधानी एक्सप्रेस से भी उनके कुछ समर्थक दिल्ली गये हैं. एम्स में उनके स्वास्थ्य की जांच के बाद वहां के डॉक्टर तय करेंगे कि उन्हें वहां कितने दिन तक रहना होगा.