भागलपुर : बरारी थाना क्षेत्र के खंजरपुर में मो शमशाद के शादी के रिसेप्शन में न तो गलती से पिस्तौल का ट्रिगर दबा और न ही गलती से मो मेराज को गोली लगी थी. मो मेराज की जान-बूझ कर हत्या की गयी. अब जो बातें सामने आ रही हैं उससे पता चला है कि मो मेराज के बड़े भाई मो महबूब की राफिया नाम की लड़की से शादी की बात चल रही थी.
मेराज को गोली मारने वाला मो अमजद राफिया का आशिक है. मो अमजद को पिस्तौल लाकर देने वाला मो साजन था. मंगलवार को मो मेराज के पिता ने मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच में पुलिस को बयान दिया, जिसमें सारी बात बतायी.
होने वाली भाभी से मजाक करना गुजरा नागवार : मो मेराज के पिता मो जियाउर रहमान ने बताया कि उसके बड़े बेटे मो महबूब से राफिया की शादी की बात चल रही थी.
रिश्ता लगभग तय होने वाला था. मो मेराज सोमवार को रिसेप्शन में था तो उस समय राफिया भी वहां थी. मेराज अपनी होने वाली भाभी से हंसी मजाक करने लगा. राफिया से मेराज का हंसी मजाक करना राफिया के आशिक मो अमजद को नागवार गुजरा. उसने मेराज को इसकी सजा देने का मन बना लिया और मो साजन ने पिस्तौल उसे थमा कर उसका भरपूर सहयोग किया. पिस्तौल मिलते ही मो अमजद ने मेराज को गोली मार दी.
मौके पर मो छोटू और मो ओवेस भी मौजूद था. घटना की पूरी जानकारी राफिया ने ही मेराज के पिता को दी. मो महबूब दिल्ली में रहता है. घटना की जानकारी मिलने के बाद वह भी घर के लिए चल चुका है. मो मेराज भी दिल्ली में रहता था. उसके साथ आये लोगों ने बताया कि दिल्ली वापसी का सोमवार को टिकट था.
होनेवाली भाभी के आशिक ने मेराज को गोली मारी
मो मेराज के बड़े भाई महबूब की जिस लड़की से होनी थी शादी उसके आशिक मो अमजद ने मारी गोली
मेराज अपनी होने वाली भाभी राफिया से हंसी-मजाक कर रहा था, अमजद को यह पसंद नहीं आया और मार दी गोली
मेराज के पिता को लड़की ने दी जानकारी, मो साजन ने मो अमजद को पिस्तौल लाकर दिया था
मो आेवेस, मो छाेटू भी घटना के समय मौजूद था
… तो क्या जब चाहें अवैध हथियार उपलब्ध हो सकता है
पिछले एक सप्ताह में शादी या रिसेप्शन समारोह में गोली लगने से दो लोगों की मौत हो चुकी है. पांच मई को अकबरनगर थाना क्षेत्र में शादी समारोह में गोली लगने से लड़की के ममेरे भाई पिक्कु यादव की मौत हो गयी थी. सोमवार को खंजरपुर में भी मेराज को रिसेप्शन समारोह में गोली मारी गयी. मेराज को गोली मारने के लिए पिस्तौल मंगवायी गयी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शहर में अवैध हथियार जब चाहें जहां चाहें उपलब्ध हो सकता है. इशाकचक स्थित झोपड़पट्टी हो, तिलकामांझी स्थित मुंदीचक या बरारी का खंजरपुर और मायागंज इन इलाकों में फायरिंग लोगों को गोली मारने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इन क्षेत्रों के अलावा कई अन्य थाना क्षेत्रों में भी अवैध हथियार होने की बात सामने आ चुकी है. अगर ऐसा है तो इन इलाकों में अवैध हथियार आता कहां से है. अवैध हथियार का इस्तेमाल कहां और कैसे हो रहा है और इन इलाकों में अवैध हथियार होने से पुलिस अंजान कैसे है. ऐसे तमाम सवाल हैं जिस पर पुलिस के वरीय अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए.