मदर्स डे पर भारतीय संस्कृति में मां की महत्ता पर संगोष्ठी सह सम्मान समारोह
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विश्व मातृत्व दिवस : हर समाज में मां की भूमिका अतुलनीय
मदर्स डे पर भारतीय संस्कृति में मां की महत्ता पर संगोष्ठी सह सम्मान समारोह भागलपुर : हर समाज में मां की भूमिका अतुलनीय है. हमारे देश में मां की पूजा शुरू से ही हो रही है. शास्त्रों में मां को देवी स्वरूप माना गया है. नारियों को यथोचित सम्मान देकर ही भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति […]
भागलपुर : हर समाज में मां की भूमिका अतुलनीय है. हमारे देश में मां की पूजा शुरू से ही हो रही है. शास्त्रों में मां को देवी स्वरूप माना गया है. नारियों को यथोचित सम्मान देकर ही भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखा जा सकता है. उक्त बातें तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमाशंकर दुबे ने रविवार को कही. वह सामाजिक संगठन अनिल सामाजिक विकास एवं अनुसंधान परिषद की ओर से भागलपुर संग्रहालय प्रशाल में भारतीय संस्कृति में मां की महत्ता विषयक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
कार्यक्रम का उदघाटन प्रो रमाशंकर दुबे, विशिष्ट अतिथि एसएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ मीना रानी, संग्रहालय अध्यक्ष ओपी पांडेय, परिषद की संरक्षक मीना तिवारी ने संयुक्त रूप से किया. डॉ मीना रानी ने कहा कि बच्चों के अस्तित्व को कायम रखने और उन्हें सुनिश्चित दिशा प्रदान करने में मां की भूमिका महत्वपूर्ण रही है. साहित्यकार मीना तिवारी ने कहा कि मां की गोद में बच्चों को जन्नत का सुख मिलता है. मां अपार कष्ट सहकर बच्चों को हर सुख पहुंचाना चाहती है.
अतिथियों का स्वागत परिषद के अध्यक्ष डॉ राजेश कुमार तिवारी ने व मंच का संचालन पूर्व जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ शिवशंकर सिंह पारिजात ने किया. उन्होंने कहा कि बच्चों के व्यक्तित्व को निखारने व चरित्र निर्माण में मां का योगदान अतुलनीय है. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलगीतकार आमोद कुमार मिश्र ने कहा कि
आज के भौतिकवादी परिवेश में मां के प्रति बच्चों का दायित्व कम हो गया है. बच्चों को समझना चाहिए कि इस संसार में मां से बढ़कर कुछ भी नहीं है. संगोष्ठी में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रोमा यादव, संगीता तिवारी, रवींद्र कुमार चौधरी आदि ने भी विचार व्यक्त किये. मौके पर राजेश कुमार राय, वीरेंद्र कुमार, डॉ कृष्ण कुमार, अधिवक्ता निशित मिश्रा, बेनी शंकर झा, अभय कुमार भारती, सुनील कुमार, वीरेंद्र यादव, सुभाष यादव, कल्पना मिश्रा, भवानी शंकर मिश्रा आदि उपस्थित थे.
छह सशक्त महिलाओं को मिला सम्मान. कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए महिलाओं को सम्मानित किया गया. इसमें रूकैया सखावत हुसैन सम्मान इशरत रहमान को, चक्रवर्ती देवी सम्मान वंदना झा, रूबी दास को डॉ कादम्बिनी गांगुली सम्मान, सविता देवी को डॉ एम क्वाड्रेस सम्मान, रेणु भारती को शारदा देवी वेदालंकर सम्मान एवं मोहम्मदी बेगम को चांद बहन सम्मान प्रदान किया गया. इस दौरान भाषण प्रतियोगिता के 70 प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया. विजेताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया.
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