भागलपुर: काजीचक की विवादित जमीन रजिस्ट्री व दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) मामले में राजस्व कर्मचारी की भूमिका पर भी अंगुली उठने लगी है. सांसद भूदेव चौधरी ने जो जमीन अपनी पत्नी इंद्राणी चौधरी के नाम खरीदी वह खतियानी जमीन साधो लाल मिस्त्री के नाम थी. जमीन रजिस्ट्री करने वाली तारा देवी को साधो मिस्त्री की पत्नी बता कर रजिस्ट्री करायी गयी, लेकिन म्यूटेशन के दौरान राजस्व कर्मचारी ने इस बात की तसदीक नहीं की वास्तव में तारा देवी कौन है.
वह इस जमीन की रजिस्ट्री कर भी सकती है या नहीं या फिर वास्तव में जमीन की क्या स्थिति है. काजीचक मोहल्ले में जमीन खरीदने के मामले में सांसद श्री चौधरी के प्रभाव स्पष्ट झलकता है. रजिस्ट्री से लेकर म्यूटेशन तक में हुई गड़बड़ी व अनदेखी की परतें लगातार खुलती जा रही है और इसमें कई पदाधिकारी सहित कर्मचारियों की भी गरदन फंसती नजर आ रही है.
जमीन रजिस्ट्री में हुई गड़बड़ी के बाद अब उसके म्यूटेशन पर भी सवाल उठने लगे हैं. बताया जाता है कि जमीन रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन से पूर्व राजस्व कर्मचारी को इस बात की तसदीक करनी होती है कि वास्तव में सही व्यक्ति ने ही जमीन की बिक्री की है या नहीं. इसको लेकर वह म्यूटेशन के पूर्व दूसरे पक्ष को नोटिस भी जारी करते हैं और इसके लिए आम सूचना का भी प्रकाशन किया जाता है. काजीचक जमीन के म्यूटेशन मामले में इसकी अनदेखी की गयी. म्यूटेशन करने वाले राजस्व कर्मचारी ने इस बात की अनदेखी की और उन्होंने स्थल निरीक्षण भी नहीं किया. इस पूरे मामले में उनकी भूमिका भी संदिग्ध है. म्यूटेशन करने वाले राजस्व कर्मचारी हाल के दिनों फर्जी केवाला के आधार पर म्यूटेशन करने के आरोप में निलंबित भी रह चुके हैं. यह मामला नाथनगर अंचल का है.
स्टे के लिए अपील करें विपक्षी
काजीचक की विवादित जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य के लिए दूसरे पक्ष को प्रमंडलीय आयुक्त के पास अपील करना होगा. डीएम प्रेम सिंह मीणा ने बताया कि किसी की निजी भूमि पर हो रहे निर्माण कार्य को अपने स्तर पर वह नहीं रुकवा सकते हैं. विपक्षी को आयुक्त के पास इस संबंध में तत्काल अपील करनी चाहिए. वहां से ही स्टे लग सकता है.