पंचायत चुनाव को ले बन रही गुंडा पंजी एसएसपी ने सभी थानों को अपराधियों की लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया पिछले पांच सालों में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वालों की बनायी जा रही सूची छेड़खानी करने वाले भी गुंडा पंजी में होंगे शामिलधारा 107 के तहत नोटिस जारी किया जायेगा और 116 के तहत बढ़ाया जायेगा बांड अमित चौधरी, भागलपुर पंचायत चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो इसके लिए गुंडा पंजी तैयार की जा रही है. सभी थानाध्यक्षों को गुंडा पंजी तैयार करने का निर्देश दिया है. पिछले पांच सालों में आपराधिक गतिविधियों में शामिल क्रिमिनल्स को गुंडा पंजी में शामिल किया जायेगा. गुंडा पंजी में जिनका नाम शामिल होगा उन पर पुलिस की कड़ी नजर रहेगी. इन्हें शामिल किया जायेगा गुंडा पंजी में जिन आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों कों गुंडा पंजी में शामिल किया जायेगा उनमें डकैती, लूट, सांप्रदायिक मामले, विधि व्यवस्था को तोड़ने, विस्फोटक रखने, आर्म्स एक्ट और छेड़खानी के आरोपित आदि शामिल हैं. इन सभी आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों की लिस्ट थाने से तैयार होकर वरीय पुलिस अधिकारियों तक जायेगी. बांड तोड़ा तो संपत्ति जब्त और होगी जेल गुंडा पंजी तैयार हो जाने के बाद उसमें शामिल अपराधियों को 107 के तह पहले नोटिस भेजी जायेगी और उनसे सीआरपीसी की धारा 116 के तहत पीस बांड भराया जायेगा. बांड में उस अपराधी की आर्थिक स्थिति को देखते हुए बांड भराया जायेगा. अगर कोई अपराधी अपने बांड में 50 हजार या एक लाख रुपये भरता है तो बांड टूटने पर उसकी बांड में भरी संपत्ति जब्त कर ली जायेगी. सिर्फ संपत्ति ही जब्त नहीं होगी बल्कि बांड तोड़ने वाले के खिलाफ वारंट भी जारी कर दिया जायेगा और वह कम से कम 6 महीने के लिए जेल भेजा जायेगा. गुंडा पंजी बनाने से क्या होगा फायदा पंचायत चुनाव समाप्त होने तक शांति बनाये रखना एक चुनौती की तरह है. पिछले पांच साल में आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों से बांड भरा लेने के बाद वे अगर कुछ गलत करेंगे तो सबसे पहले उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा जब्त होगा और कम से कम उसे छह महीने के लिए जेल भेज दिया जायेगा. पुलिस अपराधियों के मन में जेल के डर के साथ ही आर्थिक दंड भी देने की तैयारी में है. एक हजार से ज्यादा गुंडा पंजी में होंगेपुलिस की गुंडा पंजी में पूरे जिले के एक हजार से ज्यादा अपराधियों के शामिल होने की संभावना है. बड़े पुलिस अधिकारी की मानें तो पिछले पांच साल में आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों की संख्या एक हजार से कम नहीं है. पुलिस का मानना है कि इन अपराधियों पर अगर नकेल कसने में कामयाबी मिल गई तो इलेक्शन के दौरान शांति बनाये रखना ज्यादा आसान होगा. बॉक्स मैटर इसलिए नाम पड़ा गुंडा पंजी गुंडा पंजी बनाने का प्रावधान बिहार पुलिस मैनुअल की धारा 1315 और 1316 में वर्णित है. इन धाराओं में कहा गया है कि पुलिस विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों के नामों का एक रजिस्टर तैयार किया जायेगा जिसे गुंडा पंजी कहा जायेगा. जिन आपराधिक वारदातों के नाम बताये गये हैं उनमें डकैती, लूट, सांप्रदायिक कांड, विधि व्यवस्था को तोड़ने, विस्फोटक रखने, आर्म्स एक्ट और छेड़खानी आदि शामिल हैं. उस खास सूची को गुंडा पंजी नाम दिया गया.
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पंचायत चुनाव को ले बन रही गुंडा पंजी
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