भागलपुर: अधूरे रखरखाव और हवा में झूलते चंपा पुल से होकर आवागमन का खतरा अबतक नहीं टला है. गुरुवार को चंपा पुल का एंगल चोरी होने की सूचना पर राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर ने तत्काल मेंटेनेंस कार्य शुरू तो करा दिया है, लेकिन मेंटेनेंस कार्य मिस्त्रियों के भरोसे छोड़ दिया है.
विभाग व कांट्रैक्टर की ओर से सामान की व्यवस्था नहीं की गयी है, ना ही मिस्त्रियों को किसी तरह का दिशा-निर्देश मिल रहा है. विडंबना यह है कि मिस्त्री, मजदूर व हेल्पर मेंटेनेंस के नाम पर केवल दिन काट रहे हैं.
जबकि उनकी ओर से लगातार सामान की मांग की जा रही है. सामान नहीं मिलने के कारण जहां-तहां टूटे व उखड़े एंगल को वेल्डिंग कर रहे हैं. जानकारों की मानें, तो नदी की मुख्य धार में स्थित तीन पाये जमीन को छोड़ चुके हैं और पुल हवा में झूल रहा है. पाया को मजबूती प्रदान करने के लिए बोल्डर का काम होना है, लेकिन अबतक सामान नहीं गिरा है. जबकि इंजीनियरों का कहना है कि कांट्रैक्टर की ओर से थोड़ा-बहुत बोल्डर गिराया गया है, किंतु इससे बेहतर काम नहीं हो सकेगा.
अर्धनिर्मित चंपापुल : अबतक नहीं बना है डीपीआर
चंपा नदी पर बंद पड़े नये पुल के लिए कंसल्टेंट तो मिल गया है, लेकिन अबतक डीपीआर नहीं बन सका है. डीपीआर के कारण टेंडर की प्रक्रिया भी बाधित है. क्योंकि डीपीआर बन जाने के बाद इसे स्वीकृति के लिए मंत्रलय भेजा जायेगा. वहां से स्वीकृति मिलने पर टेंडर होगा. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 से चंपा नदी स्थित नये पुल का निर्माण कार्य बंद पड़ा है. इससे पहले कंस्ट्रक्शन कंपनी से काम छीन लिया गया था और वर्क रिसाइन करने के बाद से पुल निर्माण कार्य अधर में लटका है.