इससे पहले मुख्यमंत्री ने परिसदन में शाम छह बजे जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया. करीब दो घंटे की मैराथन बैठक के बाद देर शाम वे जेएस गार्डेन में अपने मित्र उदयकांत मिश्रा की बेटी (शालिनी और दामाद एवन) की शादी समारोह में शामिल हुए. वहां उन्होंने वर-वधु को आशीर्वाद दिया. इसके बाद वे सीधे परिसदन गये, जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया.
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समीक्षा बैठक: कहलगांव में ही बने केंद्रीय विवि अपराध पर तुरंत लगाएं लगाम
भागलपुर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को भागलपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. वे दोपहर 2.20 बजे हवाई अड्डा पर हेलीकाॅप्टर से पहुंचे और सीधे सबौर के बिहार कृषि विश्वविद्यालय में लगे कृषि मेले में गये. वहां पर मेले का उद्घाटन कर मुआयना करने के बाद वे बंसी टिकर स्थित ग्लोकल अस्पताल […]
भागलपुर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को भागलपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. वे दोपहर 2.20 बजे हवाई अड्डा पर हेलीकाॅप्टर से पहुंचे और सीधे सबौर के बिहार कृषि विश्वविद्यालय में लगे कृषि मेले में गये. वहां पर मेले का उद्घाटन कर मुआयना करने के बाद वे बंसी टिकर स्थित ग्लोकल अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे. उद्घाटन करने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चल रही सरकारी प्रयास पर प्रकाश डाला.
इससे पहले मुख्यमंत्री ने परिसदन में शाम छह बजे जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया. करीब दो घंटे की मैराथन बैठक के बाद देर शाम वे जेएस गार्डेन में अपने मित्र उदयकांत मिश्रा की बेटी (शालिनी और दामाद एवन) की शादी समारोह में शामिल हुए. वहां उन्होंने वर-वधु को आशीर्वाद दिया. इसके बाद वे सीधे परिसदन गये, जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया.
इससे पहले परिसदन में चले मैराथन बैठक में विकास योजनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कई गंभीर टिप्पणी भी की. उन्होंने कहा कि कहलगांव के विक्रमशिला यूनिवर्सिटी के नजदीक अगर केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना होगी, तो अच्छा होगा. जिला प्रशासन यूनिवर्सिटी के पास ही जमीन तलाश करे और उसी जमीन का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजे जिसे केेंद्र के पास भेजा जा सके. वे प्रशासन और पुलिस के आला पदाधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे.
सिल्क सिटी की पहचान जर्दालू व कतरनी की खुशबू से
उन्होंने कहा कि सिल्क सिटी की पहचान जर्दालू और कतरनी की खुशबू से है. मगर यहां पर जर्दालू और कतरनी की उपजाऊ भूमि का रकबा कम है. इस कारण यहां पर जर्दालू और कतरनी की पैदावार कम है. इन दोनों चीजों पर जिलाधिकारी को व्यक्तिगत तौर पर दिलचस्पी लेनी होगी, ताकि किसान इसके अधिक से अधिक उत्पादन के लिए आगे आयें. बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा प्रभारी मंत्री ललन सिंह, विकास आयुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, कृषि विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल, स्वास्थ्य व परिवर कल्याण विभाग के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार, आयुक्त आरएल चोंग्थू, आइजी बच्चू सिंह मीणा, डीआइजी वरुण कुमार सिन्हा, डीएम आदेश तितरमारे, एसएसपी विवेक कुमार, नवगछिया एसपी पंकज सिन्हा, उप विकास आयुक्त अमित कुमार, नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह उपस्थित थे.
शराब की फैक्टरी को उजाड़ें, वहां के मजदूरों को दें काम
सीएम ने मद्य निषेध की समीक्षा के दाैरान कहा कि शराबबंदी को लेकर अवैध शराब फैक्टरी के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान से फैक्टरी तो बंद हो रही है पर वहां के मजदूर बेरोजगार हो रहे हैं. इन मजदूरों को वैकल्पिक रोजगार देना होगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा या अन्य योजना से मजदूर को तत्काल काम दें, जिससे इनकी रोजी-रोटी में दिक्कत नहीं हो. वहीं अगर मजदूर को आवास नहीं है, तो उसे चिह्नित करने की कार्रवाई हो. इसके बाद उन्हें इंदिरा आवास स्कीम का लाभ दिया जाये. उन्होंने कहा कि शराब की लत वाले कुछ लोग अपने व्यवसाय के कारण इसका सेवन करते हैं. इसमें अधिकतर संख्या सफाई कर्मियों और निम्न वर्ग के लोगों की होती है. इन लोगों की भी पहचान करनी होगी और उन्हें बेहतर माहौल देना होगा, ताकि वह दोबारा शराब की तरफ नहीं देखें. उन्होंने ईंट-भट्ठे का भी सर्वे कराने का निर्देश दिया. श्री कुमार ने कहा कि कई भट्ठों पर मालिक जबरन मजदूर से अधिक काम लेने के लिए शराब का सेवन करवाते हैं. इन भट्ठा मालिक की जांच कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये.
परचाधारियों को मिलेगा दखल
मुख्यमंत्री ने दखल-देहानी और ऑपरेशन बसेरा की समीक्षा करते हुए कहा कि परचाधारियों को जमीन का दखल नहीं मिलना असहनीय है. इसको लेकर आयरन हैंड का इस्तेमाल किया जाये. परचाधारी को जहां पर जमीन दी गयी है, वहां पर दूसरे लोगों का कब्जा बरदाश्त नहीं होगा. परचाधारी की बेदखली रिपोर्ट को लेकर उन्होंने डीएम से मामले को लेकर गंभीरता से कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसी तरह वास विहीन व्यक्तियों को वास भूमि दिलाने के लिए व्यक्तिगत तौर पर रूचि लेकर क्रय नीति से भूमि खरीदने और उन्हें वासभूमि देने का निर्देश दिया.
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