भागलपुर: भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के 53 वें स्थापना दिवस के दूसरे दिन बुधवार को पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसके लिए आयोजित कार्यक्रम संगम में कॉलेज के कई पूर्ववर्ती छात्र शामिल हुए और उनके सुझाव से वर्तमान में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राएं अवगत हुए.
छात्रों ने उनसे कई प्रश्न भी पूछे और पूर्ववर्ती छात्रों ने उनकी जिज्ञासा शांत की. कॉलेज के 2004 बैच के छात्र व वर्तमान में आइपीएस अधिकारी प्रशांत आनंद ने एलुमिनाई मिट के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम इतिहास से मजबूती ढूंढ़ते हैं. हम इससे भावी योजना नहीं बनाते. एलुमिनाई को देख अंदर से मजबूती महसूस करते हैं. अलग-अलग छात्रों ने उनसे पूछा कि वे रचनात्मक माहौल बनाने, मनोबल व रोड मैप नहीं होने की कमी कैसे दूर करे. इस पर श्री आनंद ने कहा कि बुनियादी सुविधा की कमी या शिक्षकों की कमी इसका कारण नहीं होता. इसे दूर करने के लिए छात्र एक-दूसरे का मददगार बनें. हमने महसूस किया है कि हम साक्षात्कार में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते. इसका मूल कारण झिझक है. यह एक -दूसरे को सपोर्ट करने से दूर होगा.
छात्र एक-दूसरे की कमी पहचाने और उसे दूर करे. सबके पास एक प्लान होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि परीक्षा में फेल होना फेल नहीं होता, बल्कि खुद को फेल मान लेना फेल है. 1968 बैच के छात्र रहे भरत लाल चौधरी ने कहा कि आपके मन में जो भी बनने का सपना है, उसके लिए आगे बढ़ते रहें और पूरे मनोयोग से कार्य करें. इलुमिनाई एसोसिएशन की संयुक्त सचिव व कॉलेज की शिक्षक प्रो रंजना ने कहा कि वह 1982 बैच में उत्तीर्ण पहली छात्र रही हैं. उन्होंने छात्र-छात्रओं को सुझाव दिया कि वह बी टेक करने के बाद एम टेक जरूर करें. एलुमिनाई एसोसिएशन के सचिव डीपी कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि दीप से ही दीप जलता है, इसलिए अपने अग्रजों से मार्गदर्शन प्राप्त करते रहें. इसके बाद ही बुलंद इमारत की ठोस नींव बनेगी. प्राचार्य डॉ अचिंत्य ने भी अतिथियों का स्वागत किया.
मदद करें एलुमिनाई शिखर पर पहुंचेंगे छात्र
एलुमिनाई मिट को संबोधित करते हुए प्रो शशांक शेखर ने कहा कि भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के एलुमिनाई बड़ी संख्या में देश व विदेशों में कार्यरत हैं. भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में भी यहां के कई एलुमिनाई कार्यरत हैं. इसे ध्यान में रखते हुए कॉलेज की ओर से एक योजना तैयारी की जा रही है कि एक-एक एलुमिनाई यहां के तीन-तीन वर्तमान छात्रों की मदद करेंगे. इससे थर्ड इयर से लेकर फाइनल इयर के छात्रों को जोड़ा जायेगा. एलुमिनाई यहां के छात्रों को प्रोजेक्ट बनाने, जॉब के लिए जरूरी गुणवत्ता का विकास करने आदि के बारे में बताते रहेंगे. छात्र उनसे लगातार संपर्क में रह कर खुद की क्षमता का विकास करेंगे. यह निर्णय इसलिए भी लिया गया है कि हर कंपनी चाहती है कि वह जिन छात्रों को जॉब देने जा रही है वह पूरी तरह जॉब के लिए तैयार हों. यानी उन्हें नौकरी दी और काम संभाल ले. ऐसी स्थिति में अगर छात्र केवल कोर्स पूरा करते हैं, तो उन्हें बाद में दिक्कत होगी. प्रो शेखर ने एलुमिनाई से अपील की कि वे यहां के छात्रों को मदद कर भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम देश के फलक पर चमकाये.