केंद्र में एक चिकित्सक, तीन जिम्मेदारियां
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ऐसे तो और बिगड़ेगी जिला यक्ष्मा केंद्र की सेहत
केंद्र में एक चिकित्सक, तीन जिम्मेदारियां एक केंद्र पर थोप दिया गया है पांच टीबी यूनिट की रिपोर्टिंग का भार भागलपुर : जिला यक्ष्मा केंद्र में अगर आप बेहतर इलाज की बात सोंच रहे हैं, तो जरा संभलिये. यहां का जिला यक्ष्मा (टीबी) केंद्र संक्रमित है. एक डाक्टर के भरोसे यहां टीबी के मरीजों के […]
एक केंद्र पर थोप दिया गया है पांच टीबी यूनिट की रिपोर्टिंग का भार
भागलपुर : जिला यक्ष्मा केंद्र में अगर आप बेहतर इलाज की बात सोंच रहे हैं, तो जरा संभलिये. यहां का जिला यक्ष्मा (टीबी) केंद्र संक्रमित है. एक डाक्टर के भरोसे यहां टीबी के मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी है. इसके बाहर साफ-सफाई की बेहतर स्थिति नहीं है, तो केंद्र के बिल्डिंग की भी सेहत ठीक नहीं है.
यहां पर तैनात चिकित्सक डॉ अशरफ रिजवी की ड्यूटी सदर अस्पताल में लगनेवाले ओपीडी में भी लगती है. इसके बाद इन्हें केंद्र पर आनेवाले मरीजों की जांच होने के बाद इलाज भी करना पड़ता है. अब इन पर एक और जिम्मेदारी थोप दी गयी है. डॉ रिजवी 15 मार्च से सप्ताह में तीन-चार दिन सदर अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र पर ड्यूटी बजायेंगे. इस नयी जिम्मेदारी के बाद जिला यक्ष्मा केंद्र पर आनेवाले टीबी के मरीजों का इलाज सही समय और पूरी तरह करना और भी मुश्किल हो जायेगा.
पांच टीबी यूनिट की रिपोर्टिंग का भार भी इसी केंद्र पर : इस केंद्र के टीबी मरीजों की रिपोर्टिंग ताे होती ही है. साथ ही जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज हाॅस्पिटल, जगदीशपुर व नाथनगर पीएचसी एवं अतिरिक्त पीएचसी मोहद्दीनगर टीबी यूनिट पर टीबी मरीजों की रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी भी जिला यक्ष्मा केंद्र पर है.
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