भागलपुर: विक्रमशिला सेतु गुरुवार पर शाम पांच बजे से ही जाम की स्थिति थी. सेतु पर दिन में भी ट्रक की लाइन लगी हुई थी. शाम में जबरन ओवरटेक करने के कारण जाम की स्थिति बनी, जो धीरे-धीरे गंभीर होती गयी.
जबरन ओवरटेक करनेवाली गाड़ियों में एक पीली बत्तीवाली गाड़ी व एक जेसीबी मशीन भी शामिल थी. बरात और अन्य गाड़ियों के काफिले के बेतरतीब तरीके से ओवरटेक करने के कारण पुल के दोनों ओर जाम हो गया. कई शादी की गाड़ियां भी जाम में फंसी हुई थी. परिवहन के एक पदाधिकारी भी जाम में फंसे थे. देर रात परबत्ता और जीरो माइल पुलिस की कोशिश और कुछ समझदार चालकों के प्रयास से धीरे-धीरे गाड़ियों का जाम से निकलना शुरू हुआ. जाम के कारण विक्रमशिला पुल धीरे-धीरे टेरर के रूप में तब्दील होता जा रहा है. प्रति दिन होनेवाले जाम के कारण लोग इस पुल से होकर गुजरने से कतराने लगे हैं.
नवगछिया या पुल के उस तरह जाने की बात पर ही लोगों के हाथ-पाव फूलने लग रहें हैं. कमिश्नर के कई आदेश के पूरी तरह जमीन पर नहीं उतरने और पूरी तरह सार्थक प्रयास नहीं होने के कारण जाम से निजात नहीं मिल पा रहा है. इससे हो कर गुजरनेवाले यात्रियों और वाहन चालकों का कहना है कि मोकामा पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण उसके वाहनों के दबाव से जब यह हालत है तो विजय घाट पुल के बन जाने के बाद तो नाव ही ज्यादा सहज साधन होगा पुल की अपेक्षा.
लोगों का कहना था कि जब ट्रकों को दिन में पुल पर नहीं चढ़ना है तो फिर कैसे ट्रक आ जा रहे हैं. लोगों ने कड़ाई से इसके पालन की मांग की है. जाम में कई घंटे फंसे होने के कारण बस में सवार लोग पैदल नहीं चल दिये थे. जिनके पास सामान था उन्हें बहुत परेशानी हुई. कई बूढ़ी महिलाएं पुल के सड़क के खराब होने के कारण उस पर गिर पड़ीं. बच्चों को लेकर पुल पार करने में लोगों को काफी परेशानी हुई. सब व्यवस्था को कोसते दिखे. खास कर बरात में शामिल लोगों की परेशानी देखते बनती थी.