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राजद जिलाध्यक्ष के चुनाव में जम कर हंगामा, हाथापाई

भागलपुर: हंगामा और हाथापाई के बीच मंगलवार को भागलपुर राजद जिलाध्यक्ष पद का चुनाव संपन्न हुआ. वैसे तो वर्तमान जिलाध्यक्ष तिरुपति नाथ यादव अगले टर्म के लिए भी फिर से निर्विरोध चुन लिये गये. लेकिन मतदान के दौरान प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी और तिरुपति के समर्थकों के बीच करीब चार घंटे तक हंगामा व हाथापाई होती रही. […]

भागलपुर: हंगामा और हाथापाई के बीच मंगलवार को भागलपुर राजद जिलाध्यक्ष पद का चुनाव संपन्न हुआ. वैसे तो वर्तमान जिलाध्यक्ष तिरुपति नाथ यादव अगले टर्म के लिए भी फिर से निर्विरोध चुन लिये गये. लेकिन मतदान के दौरान प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी और तिरुपति के समर्थकों के बीच करीब चार घंटे तक हंगामा व हाथापाई होती रही.
करीब चार बजे निर्वाची पदाधिकारी विजय कुमार विजय द्वारा तिरुपति नाथ यादव को अगला जिलाध्यक्ष घोषित किया गया. जिलाध्यक्ष पद के लिए मतदान कैंप जेल के पास शोभा उत्सव पैलेस में संपन्न हुआ. निर्वाची पदाधिकारी के रूप में मुंगेर के विधायक विजय कुमार विजय और सहायक निर्वाची पदाधिकारी के रूप में हरेराम महतो मौजूद थे.
एक घंटे तक रणक्षेत्र बन गया मतदान केंद्र : राजद जिलाध्यक्ष पद के लिए जब करीब 12.30 बजे निर्वाची पदाधिकारी के रूप में मुंगेर के विधायक विजय कुमार विजय और सहायक निर्वाची पदाधिकारी हरेराम महतो ने चुनावी प्रक्रिया की जानकारी देना शुरू की गयी, उसी समय प्रतिद्वंदी प्रत्याशी चंद्रशेखर प्रसाद के समर्थक मतदान केंद्र में प्रवेश कर गये. चंद्रशेखर प्रसाद ने निर्वाची पदाधिकारी से सवाल किया कि आप किस आधार पर यह चुनाव करवा रहे हैं. उन्होंने तर्क दिया कि तिरुपति महानगर क्षेत्र के वोटर हैं और कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा के प्रस्तावक भी रहे हैं, ऐसे में तिरुपति जिलाध्यक्ष के उम्मीदवार हो ही नहीं सकते. जिलाध्यक्ष पद पर वही लड़ सकते हैं, जो प्रखंड के वोटर हों. इसलिए यह चुनाव अवैध है. इतना कहते ही वर्तमान जिलाध्यक्ष के समर्थक प्रतिद्वंद्वी लोगों से हाथापाई पर उतारू हो गये. फिर मतदान केंद्र रणक्षेत्र बन गया. करीब एक घंटे तक हाथापाई, गाली-गलौज व हंगामे का दौर चलता रहा. कार्यकर्ता से लेकर निर्वाची पदाधिकारी तक माहौल शांत कराने का प्रयास करते रहे. बाद में पुलिस प्रशाासन के आने के बाद ही मामला शांत हुआ. मामला शांत होने पर मतदान केंद्र पर एसडीओ कुमार अनुज खुद पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली.
15 प्रखंड अध्यक्ष व 126 प्रतिनिधियों ने दिया वोट : जब जिलाध्यक्ष पद के लिए चुनावी मैदान में तिरुपति नाथ के खिलाफ लड़ने की बात कही तो निर्वाची पदाधिकारी व सहायक निर्वाची पदाधिकारी ने पटना से कानूनी सलाह ली. निर्वाची पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी संविधान में कहा गया है कि जो व्यक्ति प्रखंड अध्यक्ष होते हैं, वे जिलाध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इसी आधार पर चंद्रशेखर की उम्मीदवारी को रद्द कर दिया गया. चंद्रशेखर की उम्मीदवारी रद्द होने के बाद अध्यक्ष पद के लिए कोई भी चुनावी मैदान में नहीं बचा. बाद में निर्वाची पदाधिकारी ने औपचारिकता के तौर पर सभी प्रखंड अध्यक्षों व प्रतिनिधियों से मतदान भी कराया. बता दें कि 16 में से 15 प्रखंड अध्यक्ष और विभिन्न प्रखंडों के 126 प्रतिनिधियों ने मतदान में हिस्सा लिया. गौरतलब है कि प्रत्येक प्रखंड से अध्यक्ष के अलावा 14-14 प्रतिनिधियों यानी कुल 240 मतदाताओं को मतदान में हिस्सा लेना था.
तिरुपति के जिलाध्यक्ष चुने जाने को किया चैलेंज : जिलाध्यक्ष पद के उम्मीदवार व नाथनगर प्रखंड अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद ने निर्वाची पदाधिकारी व सहायक निर्वाची पदाधिकारी को पत्र लिख कर जिलाध्यक्ष तिरुपति नाथ के चयन को सैद्वांतिक रूप से चैलेंज किया है. पत्र में कहा गया है कि नये जिलाध्यक्ष तिरुपति साहेबगंज निवासी हैं और यह महानगर क्षेत्र में आता है. ऐसे में वे अध्यक्ष बन ही नहीं सकते हैं. उन्होंने पदाधिकारियों से कहा है कि यदि चुनाव पार्टी नीति और सिद्धांत से दोबारा नहीं कराया गया तो वे अपने समर्थकों के साथ दो जनवरी 2016 को राजद प्रदेश कार्यालय में धरना पर बैठेंगे.

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