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साहेबगंज-किऊल रेलखंड पर ट्रेनों में सफर को लेकर यात्रियों में बना रहता डर

साहेबगंज-किऊल रेलखंड पर ट्रेनों में सफर को लेकर यात्रियों में बना रहता डर-लूटपाट, छिनतई व चोरी की बढ़ रही घटनाओं व अब ट्रेन उड़ाने की धमकी पर भी रेल प्रशासन सजग नहीं-राजकीय रेल पुलिस का स्ट्रेंग्थ कम रहने से 11 जोड़ी ट्रेनों में ही होती है गश्त संवाददाता, भागलपुर लूटपाट, डकैती, छिनतई, यात्रियों संग बदसूलकी […]

साहेबगंज-किऊल रेलखंड पर ट्रेनों में सफर को लेकर यात्रियों में बना रहता डर-लूटपाट, छिनतई व चोरी की बढ़ रही घटनाओं व अब ट्रेन उड़ाने की धमकी पर भी रेल प्रशासन सजग नहीं-राजकीय रेल पुलिस का स्ट्रेंग्थ कम रहने से 11 जोड़ी ट्रेनों में ही होती है गश्त संवाददाता, भागलपुर लूटपाट, डकैती, छिनतई, यात्रियों संग बदसूलकी व चोरी आदि की बढ़ रही घटनाओं के साथ अब ट्रेन उड़ाने की धमकी मिल रही है. इसके बावजूद रेलवे प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है, जिससे यात्रियों की रेल यात्रा सुरक्षित बनी रह सके. साहेबगंज-किऊल रेलखंड पर ट्रेनों में सफर शुरू करने से पहले यात्रियों के मन में डर समा जाता है कि गंतव्य तक यात्रा पूरी हो सकेगी या नहीं. हर बड़ी घटना के बाद रेल प्रशासन यात्रियों को सुरक्षा देने का दावा करता है, लेकिन समय बीतने के साथ स्थिति जस की तस हो जाती है.केस स्टडी-1 10 अगस्त : डाउन बर्द्धमान पैसेंजर में गोलीबारी रेलवे स्टेशन नाथनगर के प्लेटफॉर्म नंबर एक से खुलते ही डाउन बर्द्धमान पैसेंजर ट्रेन में सवार यात्री पर अपराधी ने गोलीबारी की थी. घटना में अकबरनगर के श्रीरामपुर के दुग्ध विक्रेता रंजीत चौधरी बाल-बाल बचे थे. दुग्ध विक्रेता ने बचने के क्रम में गरदन झुकाया, तो गोली कंधे और मुरेठा के बीच जाकर फंस गयी थी, जिससे उसकी जान बच गयी. घटना के वक्त आरपीएफ के जवान गार्ड बोगी में स्टेशन का कैश रख रहे थे. गोली चलने की आवाज पर आरपीएफ जवान अशोक कुमार यादव और एके भारती घटना वाले बोगी के पास पहुंचे और कट्टा में दोबारा गोली भरते अपराधी की कलाई पर डंडे से मारा, जिससे वह दोबारा ट्रेन में सवार दुग्ध विक्रेता पर गोली चला नहीं सका. आक्रोशित दुग्ध विक्रतओं ने रेल थाना का घेराव भी किया था. केस स्टडी-2 30 अगस्त : डाउन सूरत में डकैती पीएम आने के दो दिन पहले डाउन सूरत एक्सप्रेस में बरियारपुर और कल्याणपुर स्टेशन के बीच डकैती हुई थी, जिससे रेल प्रशासन में हडकंप मच गया था. डकैती की घटना से पीएम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी धरी रह गयी थी. हथियारबंद अपराधियों ने चलती ट्रेन में लूट को अंजाम दिया था. डाउन सूरत एक्सप्रेस के वातानुकूलित-3 कोच में सीट संख्या- 19 से 22 पर बैठे बीएमपी के लेडीज कांस्टेबल संध्या कुमारी, ड्यूटी पर तैनात डिप्टी सीआइटी फतुहा के सुनील कुमार, खगौल के काशीनाथ, पटना के विजय कुमार साह, शकुनी चौधरी के पुत्र राजेश चौधरी, राजद नेत्री पूनम सहित करीब एक दर्जन यात्रियों के साथ लूटपाट की गयी थी और वेक्यूम कर कल्याणपुर स्टेशन के नजदीक हथियार लहराते अपराधी ट्रेन से उतर गये थे. केस स्टडी-3 पांच सितंबर : डाउन फरक्का में छिनतई डाउन फरक्का में दिल्ली से मालदा जा रहे पारुल दास के साथ छिनतई हुई थी, जिसमें मोबाइल व नकदी छीन लिया गया था और अपराधी चेन पुलिंग कर भाग रहे मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र के मौलानाचक के मो कैशर को जीआरपी ने धर दबोचा था. केस स्टडी-4 पांच सितंबर : अप फरक्का में लूट के बाद यात्री को ट्रेन से फेंका अप फरक्का एक्सप्रेस में दिल्ली जा रहे मालदा के यात्री को लूटा गया था और इसके बाद उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था, जिससे मालदा के मनोज कुमार जख्मी हो गये थे. वह परदेश कमाई करने जा रहा था. घटना लैलख स्टेशन के पास की थी. स्थानीय लोगों ने मनोज को अस्पताल में भरती कराया था. अज्ञात लोगों ने मनोज का रुपया-पैसा, घड़ी आदि छीन लिया था. राजकीय रेल पुलिस की आधी स्ट्रेंग्थ के भरोसे रेल यात्रियों की सुरक्षा रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर राजकीय रेल पुलिस की जिम्मेवारियां बढ़ी है, लेकिन उस हिसाब से संख्या नहीं बढ़ सकी है. इस कारण सही तरीके से रेल यात्रियों की सुरक्षा नहीं हो रही है. वर्तमान में एसआइ समेत 85 की संख्या में पुलिस है, जबकि 80 पुलिस कर्मियों की और जरूरत है. ताकि ट्रेनों में आठ सिपाही, एक हवलदार और एक अफसर स्काउट कर सके. यहां बलों की संख्या कम है, जिससे प्लेटफॉर्म से लेकर ट्रेनों तक में कहीं-कहीं पुलिस कर्मी नजर आते हैं. जीआरपी 10 की संख्या में रहनी चाहिए, वहां दो की ड्यूटी लगी रहती है. बलों की कमी के कारण हर ट्रेन में वास्तविक रूप से स्काउट नहीं हो रहा है. चुनिंदा 11 जोड़ी ट्रेनों में ही स्काउट होता है. भागलपुर रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट एक्सप्रेस समेत 41 जोड़ी ट्रोनों का ठहराव होता है. राजकीय रेल पुलिस का स्ट्रेंग्थ नहीं बढ़ाने से प्लेटफॉर्म से लेकर ट्रेनों में चोरी, लूट, छिनतई, पॉकेटमारी आदि वारदात हो रहा है. बॉक्स मैटर स्ट्रेंग्थ बढ़ने के साथ वापस हुए आरपीएसएफ आरपीएफ पोस्ट का स्ट्रेंग्थ तो जून में ही बढ़ गया है, मगर अब आरपीएसएफ नहीं दिखते हैं. दरअसल स्ट्रेंग्थ बढ़ने के साथ आरपीएसएफ को वापस कर दिया गया है. पहले कास्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर तक का स्ट्रेंग्थ 65 था. अब स्ट्रेंग्थ 151 है. क्राइम को एकदम से रोकना मुश्किल है. कोशिश की जा रही है. सिविल का विधि व्यवस्था सुधर जाये, तो रेलवे का भी अपने आप सुधर जायेगा. पहले की अपेक्षा क्राइम कम हो रहा है. क्राइम हो भी रहा है, तो उसे पकड़ रहे हैं. इंटरनेशनल धमकी है. भागलपुर रेलवे में कोई समस्या नहीं है. कोशिश कर रहे हैं, ताकि यात्रियों की सुरक्षित यात्रा हो सके.एसएन तिवारी कमांडेंट, आरपीएफ

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