भागलपुर: एसएम कॉलेज में स्नातक में नामांकन के दौरान आरक्षण की अवहेलना को लेकर कुलपति द्वारा पूछे गये स्पष्टीकरण देने की तैयारी प्राचार्य डॉ निशा राय की ओर से जोर-शोर से की जा रही है. डॉ राय ने बताया कि कुलपति द्वारा भेजे गये पत्र 14 मई को प्राप्त हुआ है, जिसमें 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने का मोहलत दिया गया है. उन्होंने बताया कि नामांकन में आरक्षण की अवहेलना के आरोप पर करायी गयी जांच के दौरान अगर जांच समिति के सदस्य कॉलेज आकर जांच करते, तो गंभीरता के साथ जांच हो पाती.
ऐसा नहीं होने के कारण जांच रिपोर्ट गलतियों का पिटारा हो गयी है.
कॉमर्स विभाग के अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट में कॉमर्स (ऑनर्स) प्रथम सूची में सामान्य कोटि का कट ऑफ मार्क्स 70.86 लिखा गया है.
यह अंक ऑरिजिनल सूची में भी अंकित है. लेकिन रिपोर्ट की अभ्युक्ति में सामान्य का कट ऑफ मार्क्स 62.00 अंकित किया गया है, जो पूर्णतया गलत है. उन्होंने बताया कि कॉमर्स की पहली सूची में ही एससी कोटि की सभी छात्राओं का नामांकन हो गया था, तो दूसरी सूची में एससी सूची में छात्रएं कहां से आयेंगी. एससी के सीट खाली रहने पर बीसी टू से एडजस्ट किया गया, जो सीट बढ़ोतरी के बाद जारी तीसरी सूची में दर्शाया गया है. डॉ सिंह ने यह भी बताया कि जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉमर्स में एससी कोटा में चयनित दोनों छात्रओं का सामान्य कोटा के कट ऑफ से कम नंबर है, इसलिए उन्हें सामान्य कोटा में ही नामांकन होना चाहिए. उन्होंने बताया कि जब दोनों छात्रओं का नंबर कम है, तो सामान्य कोटा में कैसे नामांकन होगा. विज्ञान के नामांकन प्रभारी रहे डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि बॉटनी की पहली सूची में ही 65 सीट पर कुल 65 आवेदक का नामांकन हो गया था. सूची में कट ऑफ मार्क्स भी है, तो कैसे कहा जा सकता है कि ऐसा है ही नहीं.
कला संकाय की नामांकन प्रभारी रहीं डॉ उषा कुमारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट में इतिहास में सामान्य कोटि का कट ऑफ मार्क्स गलत लिख दिया गया है. सामान्य के ऑरिजिनल लिस्ट में 66.33 अंकित है, जबकि रिपोर्ट में 63.33 है. उन्होंने बताया कि राजनीति विज्ञान में पहले कला की छात्रओं का नामांकन लिया गया. साइंस की छात्रएं कला संकाय में नामांकन के लिए आवेदन दी थी, इसलिए उन्हें अधिक अंक रहने के बावजूद आरक्षित कोटि में रखा गया ताकि नामांकन हो जाये.