भागलपुर: जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने कहा कि जर्दालू आम की तर्ज पर कतरनी चावल की भी ब्रांडिंग होनी चाहिए. इसके लिए कतरनी चावल के उत्पादन के बाद इसके बेहतर पैकेजिंग पर ध्यान देना होगा. उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को कतरनी चावल की ब्रांडिंग के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही जैविक उत्पाद को लोकप्रिय बनाने के लिए कृषि कार्यालय या डीआरडीए सभागार में स्टॉल लगाने का सुझाव दिया. वे बुधवार को कृषि व उद्यान से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि भागलपुर का केला, पपीता व जर्दालू आम सभी जगह लोकप्रिय है. मगर कतरनी चावल की ब्रांडिंग नहीं होने से राज्य से बाहर इसकी जानकारी कम है. कतरनी के उत्पादक किसान की इंटरनेट पर जानकारी देनी होगी, ताकि इसकी जानकारी अन्य जगह के किसान भी मिल सके. उन्होंने कहा कि जर्दालू आम की पैकेजिंग कर उसे दिल्ली भेजा जाता है. उसी तर्ज पर कतरनी चावल पर भी कोई योजना बनानी चाहिए. इस अवसर पर जिला उद्यान पदाधिकारी विजय पंडित, उप परियोजना प्रभात कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.
किसान को दी जायेगी मार्केटिंग की सीख
डीएम ने जिला कृषि पदाधिकारी को किसान को मार्केटिंग में एक्सपर्ट बनाना होगा. इसके लिए जनवरी में एक बड़ा आयोजन किया जाये, जिसमें किसान व मार्केटिंग एक्सपर्ट आमने-सामने होंगे. सभा के दौरान किसानों द्वारा अपनी मार्केटिंग समस्या के बारे में चर्चा की जायेगी. डीएम ने कहा कि जैविक उत्पाद को लेकर भी आम लोगों को जानकारी दें. इसके लिए कृषि कार्यालय में एक स्थायी स्टॉल लगाया जाये, जहां आने वाले किसान जैविक उत्पाद के बारे में एक्सपर्ट से रूबरू हो सकें. डीएम ने कृषि संबंधी योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रखंड के पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को भी समीक्षा बैठक में बुलाया जाये.