भागलपुर : जीरोमाइल से लेकर सबौर रोड क्षेत्र की रौनक जर्जर सड़क व आये दिन लगनेवाले जाम के कारण काफी कम हो गयी है. लोगों का तो यहां तक कहना है कि इस क्षेत्र का मार्केट वेल्यू तक कम होने लगा है. लोग उधर बसना तो दूर, जाना तक नहीं चाहते हैं.
इधर के छोटे दुकानदार रोजगार मंदा होने से परेशान हैं और कोई दूसरा बाजार तलाशने के बारे में गंभीरता से सोचने लगे हैं. रियल स्टेट से जुड़े लोग अपनी पूंजी तक नहीं निकाल पा रहे हैं. धुंआ, जाम व धूल का असर सिर्फ कारोबार पर ही नहीं आम लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ा है. कई लोगों को यहां स्वास्थ्य व श्वास संबंधी परेशानी होने लगी है.
राम गीता आस्था मैरेज हाउस के प्रोपराइटर दीपक सिंह कहते हैं कि तिलकामांझी चौक से लेकर सबौर तक करीब एक दर्जन मैरिज हाउस संचालित हैं. खराब सड़क व आये दिन लगने वाले जाम के कारण शादी विवाह करानेवाले लोग अब इस क्षेत्र में मैरिज हाउस बुक करवाने से कतराते हैं.
श्री सिंह बताते हैं कि उनके यहां बीते तीन साल की तुलना की जाये तो बुकिंग की रफ्तार इस साल करीब आधी हो गयी है. बाबूपुर मोड़ के समीप स्थित शिव गंगा अपार्टमेंट के पार्टनर सज्जन कुमार बताते हैं कि इस जीरोमाइल से सबौर के बीच 10 बिल्डिंग बन रही है. लेेकिन जिन अपेक्षाओं के साथ ये अपार्टमेंट बनना शुरू हुए,
उसकी तुलना में बुकिंग की रफ्तार बहुत ही धीमी है. अभी तक इन अपार्टमेंट में करीब 90 फीसदी फ्लैट अन बुक्ड हैं. श्री कुमार बताते हैं कि 105 फ्लैट वाला उनका अपार्टमेंट करीब आठ साल पहले बनना शुरू हुआ. आठ साल में आलम यह है कि अभी तक इसमें से 85 फ्लैट ही बुक हुआ. यहां तक अब तो फ्लैट खरीदने के इच्छुक लोग इधर इन्क्वायरी तक नहीं करने आते हैं.
श्री कुमार बताते हैं कि जिस तरह यहां पूंजी निकलना मुश्किल हुआ है. अब यहां दूसरा अपार्टमेंट बनाने की बात ही छोड़िये. यहीं नहीं इसकी जद में सिर्फ रियल एस्टेट और मैरिज हाउस से जुड़े लोग ही प्रभावित नहीं हैं बल्कि मझोले व छोटे कारोबारी भी परेशान हैं. जीराेमाइल स्थित मधुराज ढाबे के संचालक दिनेश यादव पिछले 13 साल से इस धंधे में हैं.
ये बताते हैं कि पिछले तीन साल से जीरोमाइल पर कारोबार लगभग खत्म हो गया है. तीन साल में दुकानदारी आधी हो गयी और महंगाई दुगुनी. अब तो परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. अगर यहीं हालात रहे तो अब कहीं और कोई दूसरा धंधा सोचना पड़ेगा. श्री यादव बताते हैं कि जीरोमाइल पर बाजार ठीकठाक बन गया था लेकिन धूल-जाम के कारण यहां कोई रुकना तक नहीं चाहता जिससे यहां का कारोबार बरबाद होने लगा है. रानी के सराय निवासी महेश कहते हैं कि उनकी मां अस्थमा की मरीज हैं.
सड़क पर उड़ने वाले धूल, जाम के कारण उनकी मां की तबीयत और भी खराब रहने लगी है. डॉक्टर कहते हैं कि उन्हें धूल-धुंआ से बचाओ, अब ऐसे में मां की जान बचाने के लिए घर तो बदल नहीं सकते तो फिर जायें कहां.