रात की ट्रेनों का नहीं बन रहा दूसरा चार्ट

भागलपुर : रेलवे आरक्षण कार्यालय सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक खुला रहता है. इस दौरान ट्रेन आगमन के आधा घंटे पूर्व जारी होने वाला दूसरा चार्ट तो बन रहा है. जो ट्रेनें रात 10 बजे के बाद व सुबह आठ बजे से पहले आ-जा रही हैं, उनका दूसरा चार्ट जारी नहीं हो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 24, 2015 8:30 AM
भागलपुर : रेलवे आरक्षण कार्यालय सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक खुला रहता है. इस दौरान ट्रेन आगमन के आधा घंटे पूर्व जारी होने वाला दूसरा चार्ट तो बन रहा है. जो ट्रेनें रात 10 बजे के बाद व सुबह आठ बजे से पहले आ-जा रही हैं, उनका दूसरा चार्ट जारी नहीं हो पा रहा है. इस कारण वैसे यात्रियों को परेशानी हो रही है, जो रात्री में ट्रेन रवाना होने के निर्धारित समय से चार घंटे पहले से लेकर आधा घंटे पहले तक यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं. उन्हें बर्थ खाली होने या न होने की पूरी जानकारी नहीं मिल पाती है. इस आधार वह रिजर्वेशन भी नहीं करा पा रहे हैं.
रिजर्वेशन काउंटर
फुल टाइम नहीं होने से इंटरसिटी एक्सप्रेस का आठ घंटे पहले बनता चार्ट. भागलपुर में ट्रेन रवाना होने के निर्धारित समय से चार घंटे पहले से लेकर आधा घंटे पहले तक रिजर्वेशन चार्ट बनने का नया नियम पूरी तरह से लागू नहीं हो सका है. भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी की बात करें, तो इसका रिजर्वेशन चार्ट आठ से नौ घंटे पहले ही जारी हो रहा है. इसका दूसरा चार्ट भी नहीं बन रहा है. स्थानीय रेलवे अधिकारी की मानें तो एक मैन पावर की कमी है, तो दूसरा रिजर्वेशन काउंटर बंद रहने से ट्रेन रवाना होने के निर्धारित समय से चार घंटे पहले से लेकर आधा घंटे पहले तक चार्ट नहीं बन रहा है.
रात में बुकिंग काउंटर खोलने की नहीं हो सकी व्यवस्था. मैन पावर के अभाव में रात में रिजर्वेशन काउंटर खुले रखने की व्यवस्था नहीं हो सकी है. रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी कर दिया है कि बड़े स्टेशनों पर रात में भी काउंटर खोले जायेंगे. 24 घंटे में केवल आधा घंटा ही काउंटर बंद रहेगा. अधिकारियों की मानें तो इस प्रपोजल पर काम चल रहा है. रात में काउंटर खुला रखने के पीछे सबसे बड़ी दिक्कतें मैन पावर की आ रही है. जल्द ही उचित निर्णय लिया जायेगा.
इंटरसिटी एक्सप्रेस
टिकट रिफंड नहीं होने से डूब रहा यात्रियों का पैसा. भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस में एक बार रिजर्वेशन हो गया, तो यात्रा करने की मजबूरी बन जाती है. क्योंकि टिकट रिफंड नहीं के बराबर होता है. इस ट्रेन के खुलने के निर्धारित समय से आठ घंटे पहले रात आठ बजे तक चार्ट जारी होता है. इसके बाद जिस किसी यात्री का टिकट कंफर्म नहीं हाेता है, तो वे यात्रा रद्द करने की योजना बनाते तो है, लेकिन काउंटर बंद रहने से टिकट रिफंड नहीं हो पाता है. क्योंकि रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक काउंटर बंद रहता है. नया रिफंड रूल ट्रेन रवाना होने से पहले टिकट रिफंड कराने का है. इसके बाद टिकट रिफंड का कोई प्रावधान नहीं है. ट्रेन खुलने का समय सुबह 5.35 बजे निर्धारित है और बुकिंग काउंटर खुलने का समय सुबह आठ बजे है.
मैनुअली टिकट रिफंड का छीना अधिकार
स्थानीय रेलवे अधिकारियों से मैनुअली टिकट रिफंड करने का अधिकार छीन लिया गया है. नतीजा, वैसे यात्री जो रात में या फिर रविवार को दोपहर दो बजे के बाद टिकट रिफंड कराने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं, तो उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है. स्थानीय रेलवे अधिकारी टिकट रिफंड करने से इनकार कर देते हैं और रविवार दोपहर दो बजे के बाद काउंटर खुला नहीं मिलता है. इसके अलावा रात में भी टिकट रिफंड नहीं होने से यात्रियों के पैसे डूब रहे हैं.
वेटिंग टिकट का मतलब बेटिकट यात्रा
रेलवे नियम के अनुसार स्लीपर व एसी के आरक्षित कोचों में केवल कंफर्म टिकट वाले यात्री ही सफर कर सकते हैं. वेटिंग लिस्ट में शामिल यात्रियों को यात्रा करने की परमिशन नहीं है. अगर वह वेटिंग टिकट पर यात्रा कर रहे हैं तो रेलवे के नियम के हिसाब से वह बेटिकट हैं.

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