भागलपुर: इस साल 11.12.13 एक ऐसी तारीख आने ही वाली है, जो शायद हमारी जिंदगी में दोबारा नहीं आयेगी. इस तारीख से दोबारा रुबरु होने के लिए हमें एक सदी का इंतजार करना पड़ सकता है. जिन्हें इस करिश्माई तारीख की जानकारी हो चुकी है, वे इसे चूकना नहीं चाह रहे. इस तारीख को यादगार लम्हा के रूप में जीने व समेट लेना चाह रहे हैं. कहने को यह भले ही एक तारीख हो, लेकिन इस पीढ़ी के लिए यह खास तारीख है. अब यह 22वीं सदी में ही यह तारीख देखने को मिलेगी.
लोग 11.12.13 को यादगार इसलिए भी बनाना चाह रहे हैं ताकि कोई पूछे कि आपकी शादी कब हुई है, तो इस तारीख को सुनने के बाद सवाल करनेवाले लोग एक बारगी चौंक जाये और वे भी इसे न भूले. यही बात बच्चों के जन्म को लेकर भी है.
11 दिसंबर को शादी का लग्न भी है. अभी से होटल, टेंट हाउस, कैटरर, बैंड-बाजा, धर्मशाला, मिठाई आदि की बुकिंग शुरू हो चुकी है. एक माह पहले से इस तारीख के लिए लोग अग्रिम बुकिंग कर लेना चाहते हैं ताकि बाद में जगह न मिलने पर इस तारीख के लिए सारे अरमान पूरे न हो पाने का गम न हो. पंडितों को भी लोग अभी से अग्रिम देकर बुक करने लगे हैं. यही स्थिति बच्चों के जन्म को लेकर भी है. भावी माताओं के परिजन चिकित्सकों से संपर्क करने लगे हैं. चिकित्सकों ने पहले से जिनके संतान के जन्म की तिथि दिसंबर तय कर रखी है, ऐसी अधिकतर भावी माताओं के परिजन चिकित्सकों को 11.12.13 को ही इश्यू करने का अनुरोध कर रहे हैं.
बस दीवानगी-दीवानगी..
शादी के लिए कंपनी चलाने वाले ब्रायन बीटलर कहते हैं कि जोड़ों में तारीखों को लेकर हद दर्जे की दीवानगी है. ये बात सर्वे के दौरान सामने आयी कि युवा डेट्स से भी खासा इत्तफाक रखते हैं.
क्या है अहमियत
इन तारीखों के पीछे आखिर इतनी दीवानगी क्यों? न्यूमेरोलॉजिस्ट्स कहते हैं कि सीक्वेंस वाली या रिपीटिटिव डेट्स न्यूमेरॉलजी के नजरिये से काफी लकी मानी जाती है. सबसे खास बात तो यह है कि इन्हें याद रखना बेहद आसान होता है. इन्हें एक तरह से आइकॉनिक डेट भी कहते हैं. दूसरा इस खास तारीख पर शादी या बर्थ डेट हो तो अपने सर्कल में काफी रुतबा कायम होता है. न्यूमरॉलिजस्ट कहते हैं कि इनका कोई ज्योतिषीय महत्व नहीं है.