बिहार : चाट खाने से 100 बच्चे बीमार

भागलपुर: ठेले पर बिक रहा चाट खाने से बुधवार शाम जगदीशपुर प्रखंड के वादे हसनपुर और वादे खोसालपुर गांव के 100 से अधिक बच्चे बीमार हो गये. सभी बच्चों की हालत बिगड़ने लगी. इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की हालत बिगड़ने के बाद दोनों गांवों में कोहराम मच गया. बच्चे को लगातार उल्टी व पैखाना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 19, 2015 8:30 AM
भागलपुर: ठेले पर बिक रहा चाट खाने से बुधवार शाम जगदीशपुर प्रखंड के वादे हसनपुर और वादे खोसालपुर गांव के 100 से अधिक बच्चे बीमार हो गये. सभी बच्चों की हालत बिगड़ने लगी. इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की हालत बिगड़ने के बाद दोनों गांवों में कोहराम मच गया. बच्चे को लगातार उल्टी व पैखाना के बाद माता-पिता सबसे पहले जगदीशपुर पीएचसी पहुंचे. बड़ी संख्या में बच्चे पहुंचने से पीएचसी में अफरा-तफरी मच गयी.

इसी बीच गंभीर हालतवाले करीब 73 बच्चों को बेहतर इलाज के लिए जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया गया. शाम करीब 8.45 पर सबसे पहले तीन बच्चे पहुंचे. इसके बाद 10 मिनट के अंदर ही अन्य बच्चे भी पहुंच गये. जेएलएनएमसीएच पहुंचे सभी बच्चे खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं. सभी का समुचित इलाज चल रहा है.

एक घंटे तक अस्पताल में रही अफरा-तफरी
अचानक 40-50 की संख्या में बच्चे व उनके परिजन पहुंचने से इमरजेंसी वार्ड में अफरा-तफरी मच गयी. आनन-फानन में डॉक्टरों ने इलाज करना शुरू किया. इमरजेंसी वार्ड, मेडिसिन वार्ड, एसओडी रूम जहां भी बेड मिला बच्चों काे तत्काल स्लाइन चढ़ाना शुरू कर दिया गया. एक-एक बेड पर तीन-चार बच्चे का इलाज किया गया. इसके बाद भी जिसे बेड नहीं मिला, उसे बरामदे पर ही लिटा कर स्लाइन चढ़ाया जाने लगा. करीब एक घंटे के बाद जब स्थिति सामान्य हुई तो फिर इंडोर विभाग के शिशु वार्ड में करीब 30 बच्चे को शिफ्ट किया गया.
सदर अस्पताल से भी पहुंचे डॉक्टर
फूड प्वाइजनिंग की खबर जगदीशपुर पीएचसी के डॉक्टरों ने पहले ही सदर अस्पताल व जेएलएनएमसीएच को दे दी थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एके भगत और मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डॉ अर्जुन कुमार सिंह ने इमरजेंसी वार्ड के इंजार्ज डॉ सुरेश कुमार को अलर्ट कर दिया. शिशु विभाग के डॉ केके सिन्हा के अलावा सीनियर रेजिडेंट व अन्य डॉक्टरों को बुला लिया गया. इसके अलावा आपात स्थिति से निबटने के लिए इंडोर विभाग की सभी नर्सों को भी इमरजेंसी वार्ड में बच्चों के इलाज करने के लिए लगा दिया गया.

Next Article

Exit mobile version