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नीतीश सरकार में हो सकते हैं जिले के दो विधायक मंत्री!

भागलपुर: भागलपुर जिले के सात विधानसभा सीटों में सातों पर महागंठबंधन का कब्जा होने के बाद अब नीतीश सरकार में मंत्री बनने लिए भागलपुर से सात विधायकों में चार रेस में हैं. ऐसे में महागंठबंधन के नेताओं को मंत्री पद के नाम तय करने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है. उम्मीद की जा रही […]

भागलपुर: भागलपुर जिले के सात विधानसभा सीटों में सातों पर महागंठबंधन का कब्जा होने के बाद अब नीतीश सरकार में मंत्री बनने लिए भागलपुर से सात विधायकों में चार रेस में हैं. ऐसे में महागंठबंधन के नेताओं को मंत्री पद के नाम तय करने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है. उम्मीद की जा रही है कि 20 नवंबर को मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में ही कई मंत्री भी शपथ लेंगे.
दो मंत्री पद के लिए क्या है मजबूत आधार : कहा जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होनेवाले जदयू मंत्रियों के नाम फाइनल कर लिये गये हैं. नीतीश सरकार में उनकी पार्टी के 15 मंत्री शामिल होंगे. जिले से जदयू के तीन विधायक जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं.

गोपालपुर से जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल तीसरी बार जीते हैं. सुल्तानगंज से जदयू विधायक सुबोध राय दूसरी बार विधायक बने हैं. इसके अलावा वे सांसद भी रह चुके हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. इसके अलावा नाथनगर जदयू विधायक अजय मंडल भी दूसरी बार जीते हैं. ऐसे में अगर अनुभवी व सामाजिक समीकरण के आधार पर देखा जाये, तो सुलतानगंज विधायक सुबोध राय और गोपालपुर के विधायक गोपाल मंडल में से एक मंत्री बन सकते हैं. इसके अलावा कांग्रेस के दो विधायक जीते हैं. जिले के लोगों की सबसे ज्यादा नजरें इन्हीं दो विधायकों पर टिकी है. कहलगांव से कांग्रेस विधायक सदानंद सिंह लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. वरिष्ठ होने के साथ-साथ वे विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस खेमे से मंत्रिमंडल में एक सीट पक्की मानी जा रही है.

इसी प्रकार भागलपुर विधानसभा सीट जो भाजपा का गढ़ माना जाता है, फिर भी इस मुश्किल सीट पर कांग्रेस की टिकट पर अजीत शर्मा दोबारा जीते हैं. भाजपा गढ़ में जीत और सामाजिक समीकरण को आधार बनाया गया, तो अजीत शर्मा को भी मंत्री पद मिल सकता है. अगर मंत्री पद नहीं भी मिला, तो किसी आयोग का चेयरमैन बनना तय माना जा रहा है. इसके अलावा बिहपुर से राजद विधायक वर्षा रानी और पीरपैंती से राजद विधायक रामविलास पासवान पहली बार जीते हैं.

दिल्ली में डेरा जमाये हैं कांग्रेस के दोनों विधायक : राज्य में बननेवाली नयी सरकार में कांग्रेस शामिल होगी या नहीं, इस पर अभी तसवीर साफ नहीं हो पायी है. निर्णय आलाकमान को करना है, इसलिए सभी की नजरें दिल्ली पर टिकी है. कहा जा रहा है कि दिल्ली में 19 नवंबर को सबसे पहले सभी नव निर्वाचित 27 विधायक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. इसके बाद कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता का चयन होगा. कांग्रेस की ओर से नीतीश मंत्रिमंडल में होने वाले विधायक के चयन पर भी यहां मोहर लग सकती है. चुनाव में जीत कर आये 27 विधायक में 12 पुराने व 15 नये चेहरे हैं. इनमें आधा दर्जन विधायक ऐसे हैं, जो पहले मंत्री रह चुके हैं. फाॅर्मूला के आधार पर मंत्री बनाने की बात होती है, तो कांग्रेस से पांच से छह मंत्री हो सकते हैं.

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