जानवरों का हो आतंक, तो करें वाट्सअप-बिहार सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग ने की आम जनता से सहभागिता बढ़ाने की पहल-वृक्षों से सड़क मार्ग अवरुद्ध होने या जानमाल की हानि होने पर भी दी जा सकती है सूचनासंजीव, भागलपुरबिहार सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग ने आम जनता से सहभागिता बढ़ाने के लिए पहल शुरू की है. इसके लिए वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक सह निदेशक (हरियाली मिशन) राकेश कुमार ने वाट्सएप नंबर जारी किया है. इससे जुड़ कर आमजन वन विभाग को विभिन्न तरह की सूचना मोबाइल में टाइप कर मैसेज भेज सकते हैं. जो सूचनाएं प्राप्त होगी, उस पर संबंधित सक्षम पदाधिकारी कार्रवाई करेंगे. दरअसल, अक्सर पेड़ गिरने और जंगली जानवरों के हिंसक हो जाने पर आमजनों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है. लेकिन इसकी सूचना जब तक वन विभाग को मिलती है, तब तक काफी क्षति हो जाती है. ऐसी स्थिति में आमजन वाट्सएप पर मैसेज भेज कर होनेवाली क्षति रोकने में सहायक बन सकते हैं. जंगली जानवरों के भटकाव और जंगली जानवरों के आतंक, वन क्षेत्र में अवैध पत्थर खनन और वृक्षों से मार्ग अवरुद्ध होने या जानमाल की क्षति होने से संबंधित सूचना वाट्सएप पर भेजी जा सकती है. ज्ञात हो कि तीन-चार माह पूर्व झारखंड के जंगल से भटक कर एक हाथी भागलपुर पहुंच गया था. कहलगांव से लेकर सबौर तक उत्पात मचाते हुए पुन: झारखंड चला गया था. लोगों के पास तत्काल संपर्क करने के लिए कोई ऐसी व्यवस्था नहीं होने से वन विभाग को विलंब से सूचना मिल पायी थी…………………………..यहां भेजें सूचनावाट्सएप नंबर : 9473045993……………………………जंगली जानवरों ने पहुंचाई क्षति, तो मिलेगी सहायता राशिभागलपुर. जंगली जानवरों के द्वारा पशुधन, फसल व जानमाल की आकस्मिक क्षति पहुंचाये जाने पर पर्यावरण एवं वन विभाग पीड़ितों को सहायता राशि का भुगतान करेगा. विभिन्न क्षति के किये जानेवाले भुगतान की राशि का निर्धारण विभाग ने कर लिया है. जंगली जानवरों द्वारा किसी व्यक्ति या उसके मवेशियों को मारे जाने, उसके मकान को बरबाद करने से संबंधित मामले सत्यापन संबंधित वन प्रमंडल पदाधिकारी करेंगे. फसल बरबादी का सत्यापन संबंधित वनों के क्षेत्र पदाधिकारी व अंचल निरीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा. इसके बाद संबंधित क्षेत्र पदाधिकारी संयुक्त सत्यापन रिपोर्ट वन प्रमंडल पदाधिकारी को और अंचल निरीक्षक अपनी रिपोर्ट अंचलाधिकारी को सौपेंगे. वन प्रमंडल पदाधिकारी व अंचलाधिकारी की अनुशंसा प्राप्त होने के बाद भुगतान की व्यवस्था की जायेगी. वन प्रमंडल पदाधिकारी फसल बरबादी के लिए क्षतिपूर्ति की राशि पांच हजार तक अपने स्तर से स्वीकृति दे सकेंगे. इससे अधिक की राशि का भुगतान आवश्यक होने पर अपने से एक स्तर ऊपर के पदाधिकारी से अनुमति प्राप्त कर ही स्वीकृति प्रदान कर सकेंगे. क्षति के प्रकार……………………………………………………………….सहायता राशिमनुष्य की मृत्यु या स्थायी अक्षमता………………………………………….500000मनुष्य की गहरी चोट पर………………………………………………………72000मनुष्य की हल्की चोट या घायल होने पर…………………………………….12000पक्का मकान (पूर्ण रूप से नष्ट)…………………………………………….48000मिट्टी की दीवार पर खपड़ा की छत वाली मकान की पूर्ण क्षति……………..24000पक्का मकान (गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त)……………………………………..24000कच्चा मकान (गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त)……………………………………..12000साधारण रूप से क्षतिग्रस्त मकान……………………………………………..6000भैंस, गाय, बैल की मृत्यु होने पर………………………………………………12000भेड़, बकरा की मृत्यु होने पर…………………………………………………..2400बकरी की मृत्यु होने पर…………………………………………………………3600फसल नष्ट होने पर (प्रति हेक्टेयर)…………………………………………..25000
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जानवरों का हो आतंक, तो करें वाट्सअप
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