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पथ परिवहन निगम : कार्यालय भवन के नवीकरण में बाधक बना फंड

पथ परिवहन निगम : कार्यालय भवन के नवीकरण में बाधक बना फंड फोटो : आशुतोष83 साल पहले बने भवन की मरम्मत पर अब तक खर्च नहीं कार्यरत कर्मचारी किसी तरह से काम करने को हैं मजबूर संवाददाता, भागलपुरपथ परिवहन निगम के कार्यालय भवन की हालत कुछ ठीक नहीं है. भवन ऐतिहासिक है और रखरखाव के […]

पथ परिवहन निगम : कार्यालय भवन के नवीकरण में बाधक बना फंड फोटो : आशुतोष83 साल पहले बने भवन की मरम्मत पर अब तक खर्च नहीं कार्यरत कर्मचारी किसी तरह से काम करने को हैं मजबूर संवाददाता, भागलपुरपथ परिवहन निगम के कार्यालय भवन की हालत कुछ ठीक नहीं है. भवन ऐतिहासिक है और रखरखाव के अभाव में यह खंडहर बन गया है. पथ परिवहन निगम को इसके रखरखाव की कोई चिंता नहीं है. वर्ष 1932 में बना कार्यालय 10 साल पहले अपनी आयु सीमा पूरी कर चुका है. इसके बाद की यह स्थिति है कि आये दिन प्लास्टर गिरने की घटनाएं होती रहती हैं. अबतक कई कर्मचारी चोटिल भी हो चुके हैं. यहां पर कार्यरत कर्मचारी किसी तरह से काम करने को मजबूर हैं. दरअसल, विभाग के पास मरम्मत को लेकर कोई फंड नहीं है. पथ परिवहन निगम के उच्चाधिकारी बताते हैं कि कोई भी बजट मुख्यालय स्तर पर ही जारी होता है. पिछले दिनों मुख्यालय को पत्र लिख कर भवन की खस्ताहाल हालत से अवगत करा चुके हैं. अंतिम निर्णय हेडक्वार्टर को लेना है.59 साल पहले शिफ्ट हुआ था डिवीजन कार्यालय अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 1956 में पथ परिवहन निगम के नाम भवन की रजिस्ट्री हुई और डिवीजन कार्यालय शिफ्ट हुआ था. तब से यह कार्यालय इस भवन में ही चल रहा है. तब भवन खूबसूरत और देखने लायक था. रखरखाव पर ध्यान नहीं देने के कारण भवन की हालत जर्जर हो गयी है. बदल चुके हैं 51 प्रमंडलीय प्रबंधक पथ परिवहन निगम में अबतक 51 प्रमंडलीय प्रबंधक (डीएम) आये और गये, मगर किसी ने अबतक भवन के नवीकरण या फिर दुरुस्तीकरण के लिए पहल नहीं की. पथ परिवहन निगम में पहले प्रमंडलीय प्रबंधक एसके गुप्ता थे और उनका कार्यकाल 26 जनवरी 1956 से 28 फरवरी 1957 तक रहा. इसके बाद हर दो-तीन साल पर बदलते रहे, मगर दुरुस्तीकरण का प्रस्ताव भी नहीं भेजा गया. 52 वें प्रमंडलीय प्रबंधक के रूप में 29 जून 2015 को शंभूनाथ सिंह ने पदभार ग्रहण किया है और उन्होंने भवन की जर्जर स्थिति को देख नवीनीकरण का प्रस्ताव भेजा है. टिकट काउंटर भवन भी जर्जर पथ परिवहन कार्यालय परिसर में स्थापित टिकट काउंटर का भवन भी जर्जर हो चुका है. बजट के अभाव में इसका भी दुरुस्तीकरण नहीं होने से अक्सर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. झाड़-पात ने भवन को ढक कर रखा है. बॉक्स मैटर 725.51 लाख से बनने वाली बस टर्मिनल की योजना ड्राॅप तिलकामांझी में पथ परिवहन निगम कार्यालय परिसर में बस टर्मिनल निर्माण की योजना ड्रॉप हो गयी है. इसके निर्माण के लिए 725.51 लाख की योजना बनी थी. बस टर्मिनल का निर्माण बिहार अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बुडको) द्वारा होना था. दिसंबर 2014 में बुडको द्वारा टेंडर भी निकाला गया था. लेकिन टेंडर की प्रक्रिया को निरस्त कर योजना का ड्राॅप कर लिया गया है. अगर योजना का कार्यान्वयन होता, तो बस टर्मिनल अबतक बन कर तैयार हो गया रहता और महानगर के तर्ज पर यह कार्य करता. बस यात्रियों को सेवा-सुविधा मिलनी शुरू हो जाती. विशेष मरम्मत को लेकर अभी तक कोई बजट जारी नहीं किया गया है. बजट मुख्यालय स्तर पर ही जारी होना है. मुख्यालय को इस संबंध में पत्र लिख कर अवगत करा चुके है. अंतिम निर्णय हेडक्वार्टर को लेना है.शंभूनाथ सिंह, प्रमंडलीय प्रबंधक पथ परिवहन निगम, भागलपुर

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