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निगरानी व सही समय पर रर्पिोटिंग से बचेगी मासूमों की जान

निगरानी व सही समय पर रिर्पोटिंग से बचेगी मासूमों की जानआइएमए के तत्वावधान में सेमिनार आयोजित संवाददाता, भागलपुरडिफ्थिरिया, पर्टुसिस, टिटनेस, खसरा जैसी गंभीर रोगों के कारण किसी भी मासूम की जान न जा सके, इसके लिए हमें जागरूक और सतर्क रहना होगा. टीका लगने के बाद भी मासूमों को अपनी गिरफ्त में न ले सके […]

निगरानी व सही समय पर रिर्पोटिंग से बचेगी मासूमों की जानआइएमए के तत्वावधान में सेमिनार आयोजित संवाददाता, भागलपुरडिफ्थिरिया, पर्टुसिस, टिटनेस, खसरा जैसी गंभीर रोगों के कारण किसी भी मासूम की जान न जा सके, इसके लिए हमें जागरूक और सतर्क रहना होगा. टीका लगने के बाद भी मासूमों को अपनी गिरफ्त में न ले सके इसके लिए सतत निगरानी और केस मिलने के बाद सही समय पर रिपोर्टिंग कर मासूमों का इलाज कर उनकी जान को बचाया जा सकता है. उक्त बातें शहर के प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ शंभु शंकर सिंह ने आइएमए भागलपुर द्वारा आइएमए हॉल में आयोजित संगोष्ठी में कहीं. मौके पर डॉ सिंह ने पोलियो, खसरा, डिफ्थिरिया, पर्टुसिस, टिटनेस बीमारी के लक्षण, इलाज एवं निगरानी पर विस्तृत प्रकाश डाला. संगोष्ठी के जरिये पोलियो की तरह अब आैर तीन बीमारी(डिफ्थिरिया, पर्टुसिस और टिटनेस) की निगरानी तय किया गया. पोलियो निगरानी के लिए जितनी रिपोर्टिंग और मानीटरिंग बाॅडी कार्य कर रही थी, वह इन तीन बीमारियां समेत पांच बीमारियों की निगरानी कर इसकी रिपोर्टिंग जिला स्तर के अस्पताल एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के जिलास्तरीय कार्यालय को करेंगी. इन बीमारियाें की जांच निशुल्क होगी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम इन बीमारियों से संबंधित मरीजों का सैंपल इकट्ठा कर उसे अपनी प्रमाणिक लैब में जांच के लिए भेजेगा. लेकिन जिस दिन इस यह बीमारी सस्पेक्ट(संदेह) के दायरे में आ जायेगी, उसी दिन से मरीज का इलाज शुरू हो जायेगा. अभियान में आइएमए को शामिल किया गया ताकि इसके सदस्यों के जरिये इस गंभीर बीमारी को जड़ से मिटाया जा सकें. मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ मनोज कुमार चौधरी ने इन बीमारियों को जड़ से मिटाने के लिए इसकी निगरानी व रिपोर्टिंग पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. एसएमओ(सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर) डॉ निधि वी सेजपॉल ने इन बीमारियों की रिपोर्टिंग, निगरानी व सैंपलिंग ऑफ क्वालिटी पर विस्तार से बताया. निश्चेतक-रोगी के बीच कैसा हो संबंध पर हुआ विचारसंगोष्ठी के अगले सत्र में डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप विषयक संगोष्ठी में निश्चेतक डॉ अनिल कुमार, डॉ महेश व डॉ वीणा होराे ने आॅपरेशन के दौरान निश्चेतक और बीमार के बीच किस तरह का संबंध विकसित होना चाहिए, पर विस्तार से समझाया. चिकित्सकों ने बताया कि बीमार शरीर के साथ-साथ मानसिक रूप से बीमार होता है. उसे इस दौरान प्रेमपूर्ण व्यवहार की सख्त जरूरत होती है. थ्रेटेन एबार्शन के कारण-निवारण पर हुई चर्चाइस अवसर पर थ्रेटेन एबार्शन(बार-बार गर्भपात होना) के कारण पर चर्चा करते स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ रोली भारती ने कहा कि डिप्रेशन, हाइपरटेंशन और अाघात के कारण महिलाओं में गर्भपात के मामले ज्यादा देखने को मिलता है. उन्होंने इस पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए इसके इलाज के बारे में विस्तार से बताया. डॉ एसपी बोस रॉय को दी गयी भावभीनी विदाईआइएमए भागलपुर के अति वरिष्ठ सदस्य डॉ एसपी बोस रॉय को इस अवसर पर भावभीनी विदाई आइएमए सदस्यों ने दी. इस अवसर पर उन्हें अंग वस्त्र, बुके एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता आइएमए भागलपुर के अध्यक्ष डॉ सतीश चंद्र झा और संचालन सचिव डॉ प्रतिभा सिंह ने की. इस अवसर पर डॉ संजय सिंह, डॉ एनएन भगत, डॉ बिहारी लाल, डॉ रोमा यादव, डॉ अर्चना झा, डॉ वीना सिन्हा, डॉ आरएन झा आदि मौजूद थे.

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