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ये है हाल : आते हैं देर से और जाते हैं समय से पहले

भागलपुर : जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आउटडोर विभाग में प्रतिदिन 1100 से 1200 के करीब मरीज आते हैं. पिछले चार दिनों से ओपीडी के बंद रहने से सोमवार को अहले सुबह से ही ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों की भीड़ लग गयी थी. मालूम हो कि ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों […]

भागलपुर : जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आउटडोर विभाग में प्रतिदिन 1100 से 1200 के करीब मरीज आते हैं. पिछले चार दिनों से ओपीडी के बंद रहने से सोमवार को अहले सुबह से ही ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों की भीड़ लग गयी थी. मालूम हो कि ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों की परची सुबह 8.30 बजे से कटना शुरू होती है. इसके अलावा सभी विभागों में डॉक्टरों के द्वारा रोगियों को देखने का सिलसिला शुरू हो जाता है.

सुबह आठ बजे के बाद ओपीडी का मुख्य दरवाजा खोला गया. साफ-सफाई सुबह नौ बजे तक चलती रही. इसी बीच मरीज परची कटाने के लिए काउंटर पर पंक्तिबद्ध होना शुरू हो गये. पुरुष मरीज का कांउटर 8.40 में शुरू हो गया. महिला कांउटर 10 मिनट बाद शुरू हुआ. बाद में मरीजों की भीड़ बढ़ने पर महिलाओं की दोनों और पुरुषों की भी दोनों काउंटर चालू किया गया.

कई चेंबर के ताले भी नहीं खुले थे सुबह नौ बजे तक आउटडोर विभाग में सुबह नौ बजे तक एक-दो चेंबर छोड़ अधिकांश डॉक्टरों के चेंबर खुल गये थे. हड्डी विभाग और पीसीएम विभाग का ताला 9.15 के बाद खुला. 9.15 के बाद ओपीडी के स्त्री रोग, टीबी, चेस्ट, मेडिसिन, दंत, आंख, नाक-कान-गला, शिशु, चर्म, मानसिक रोगी सभी विभागों के डॉक्टरों के चेंबर में डॉक्टर की कुरसी खाली थी. हां हर विभाग के डॉक्टरों से दिखाने के लिए चेंबर से बाहर मरीजों की लाइन जरूर लग गयी थी.

कुछ विभाग में अटेंडेंट जरूर मौजूद थे. जब उनसे पूछते थे कि डॉक्टर साहब कब आयेंगे, तो सिर्फ इतना ही बोलते थे कि समय हो गया है आते ही होंगे. डॉक्टरों का 9.30 के बाद आना शुरू हुआ आउटडोर विभाग में 9.30 के आसपास सबसे पहले मानसिक रोग विभाग और चर्म रोग विभाग के डॉक्टर अपने-अपने चेंबर में पहुंचे. इसके बाद हर पांच-दस मिनट पर बारी-बारी से सभी विभागों के डॉक्टरों का आना शुरू हो गया और 10.15 तक जिन डॉक्टरों की ड्यूटी थी सभी अपने-अपने चेंबर में पहुंच गये थे. डॉक्टरों को दिखाने के लिए मरीजों की सबसे लंबी लाइन हड्डी विभाग में लगी थी. वैसे हड्डी विभाग के एचओडी तो थे, लेकिन पुरुष चेंबर सीनियर डॉक्टर के नहीं रहने से एकमात्र जूनियर डॉक्टर को ही मरीजों को देख रहे थे. लाइन इतनी लंबी थी कि जूनियर डॉक्टर बोले दिन भर भी देखते रहेंगो तो भी नहीं देख पायेंगे. एक बजते ही कई मरीजों को देखे बिना ही चले गये डॉक्टरआउटडोर विभाग में एक बजे तक डॉक्टर मरीजों को देखते हैं. शाहकुंड से अपने तीन बच्चों काे लेकर इलाज कराने आये मो नजीर ने बताया कि परची कटाते-कटाते एक बज गया और जब डॉक्टर के पास गया तो बताया कि अब आज नहीं देखेंगे, कल आकर दिखाना पड़ेगा. मो नजीर के तीन बच्चे मेहबूब, महमूद व सबीना खातून दिमागी समस्या से पीड़ित है. इसी प्रकार की समस्याएं लगभग सभी विभागों देखी गयी. कई मरीज अपनी जांच रिपोर्ट लेकर डॉक्टरों को दिखाने के लिए जब तक पहुंची तब तक डॉक्टर चेंबर से जा चुके थे.

कहते हैं अधीक्षकअस्पताल के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने बताया कि ओपीडी में सभी डॉक्टरों की ड्यूटी सुबह 9 बजे शुरू हो जाती है. अगर इस तरह की शिकायत है तो वे खुद ओपीडी का निरीक्षण करेंगे और ऐसी लापरवाही मिलती है तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे.

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