भागलपुर: जवाहरलाल नेहरू मेडिकल अस्पताल और सदर अस्पताल के लिए एक-एक हाइटेक एंबुलेस वाहन-1099 उपलब्ध कराया गया है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से दोनों अस्पताल में मरीजों को 1099 एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल रही है. जेएलएनएमसीएच के 1099 एंबुलेंस को पीएम मेडिकल छात्रावास के पीछे छिपा कर रखा गया है.
सदर अस्पताल के 1099 एंबुलेंस वाहन की भी स्थिति कमोवेश इसी प्रकार है. राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जेएलएनएमसीएच और सदर अस्पताल में लंबी दूरी की सेवा के लिए जैसे- पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व सिलीगुड़ी 1099 एंबुलेंस वाहन उपलब्ध कराया गया है. इस हाइटेक एंबुलेंस में अत्याधुनिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम जैसे- ईसीजी, वेटिंलेटर, ऑक्सीजन मशीन लगी है. एक सितंबर को प्रधानमंत्री के भागलपुर दौरे के समय पिछले चार महीने से खराब पड़े एंबुलेंस वाहन-1099 को ठीक कराकर पटना से लाया गया था. प्रधानमंत्री का दौरा खत्म होते ही फिर से एंबुलेंस को मरीजों की आंखों से ओझल हो गया. रेफर की स्थिति में मरीजों को पटना व सिलीगुड़ी जाने के लिए प्राइवेट एंबुलेंस की सेवा लेनी पड़ती है.
जेएलएनएमसीएच के खराब पड़े हैं दोनों शव वाहनमेडिकल अस्पताल की ओर से अस्पताल से मृतक के घर शव ले जाने के लिए दो शव वाहन है, लेकिन दोनों शव वाहन पिछले एक महीने से खराब पड़े हैं. शव को ले जाने के लिए परिजनों को प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है. सदर अस्पताल का एंबुलेंस वाहन-108 में ड्राइवर नहीं रहने से अस्पताल परिसर में यूं ही बेकार पड़ा है. गर्भवती महिलाओं के लिए 102 नंबर एंबुलेंस जेएलएनएमसीएच, सदर अस्पताल और जिले के सभी पांचों रेफरल अस्पतालों में दो-दो 102 नंबर के एंबुलेंस वाहन उपलब्ध कराया गया है.
102 नंबर एंबुलेंस का उपयोग केवल गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर ले जाने में होता है. इस एंबुलेंस की सेवा सड़क पर किसी आकस्मिक दुर्घटना होने पर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में किया जाता है. कहते हैं अधीक्षकजेएलएनएमसीएच के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल का कहना है कि शव वाहन और 1099 नंबर की एंबुलेंस वाहन दोनों की देखरेख सम्मान फाउंडेशन करता है. मरीजों को दोनों प्रकार की एंबुलेंस सुविधा नहीं मिल रही है. राज्य स्वास्थ्य समिति को कई बार पत्र लिखा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार 102 नंबर की एंबुलेंस को अस्पताल प्रशासन चला रहा है, उसी प्रकार शव वाहन व 1099 नंबर एंबुलेंस का संचालन भी अस्पताल प्रशासन को दे दिया जाये.