सबौर: देश दुनिया के पटल पर बहुत ही कम समय में छाने वाला संस्थान बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर को आखिर किसकी नजर लग गयी है, जो दो माह से अशांत है. यहां का माहौल शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है़ पहले अचानक 40 लोगों के ट्रांसफर होने की खबर पर विश्वविद्यालय में तालाबंदी हुई़ उसके बाद रजिस्ट्रार के इस्तीफा और उसके बाद वीसी का पावर सीज होने की खबर पर पूरा परिसर चर्चा का विषय बना हुआ है़.
यहां के छात्र-छात्राओं का कहना है कि बार-बार विश्वविद्यालय में हो हंगामा व ट्रांसफर पोस्टिंग जैसी खबर सुन पढ़ाई-लिखाई में बाधा उत्पन्न हो रही है़ हमलोग सरकार की तरफ से कृषि को दी जा रही तव्वजों को देखते हुए पढ़ाई करने आये है़ं अब यहां का दिनों दिन बिगडते माहौल से भविष्य की चिंता होने लगी है़ पूर्व कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी के सेवानिवृत होने के बाद से ही बीएयू के वीसी पद पर आसीन होने के लिए कई नाम चर्चा में थे़.
राजभवन से नये प्रभारी वीसी के रूप में डॉ अरुण कुमार के नाम पर मुहर लग गयी. प्रभारी कुलपति का पदभार ग्रहण करने के बाद एक सप्ताह तक तो सब कुछ ठीक रहा, लेेकिन उसके बाद माहौल अशांत होने लगा है़ अचानक विश्वविद्यालय में वीसी द्वारा 40 लोगों का ट्रांसफर कर देने पर कर्मचारियों व पदाधिकारियों ने तालाबंदी कर दी़ इस मामले में प्रभारी कुलपति ने बताया था कि किशनगंज कृषि विश्वविद्यालय में पठन-पाठन अारंभ कराने के लिए वहां कुछ लोगों का ट्रांसफर किया गया है़.
वीसी ने इस मामले में वर्तमान रजिस्ट्रार व कुछ अन्य पदाधिकारियों पर साजिश करने का आरोप लगाया था़ यह मामला कुछ दिन शांत रहा, लेकिन एक माह बाद रजिस्ट्रार से जबरन इस्तीफा लेने का मामला सामने आया. इस पर वीसी ने कहा कि रजिसट्रार का लियोन खत्म हो रहा था और उन्होंने अपने पिता व पत्नी की बीमारी की वजह से पैतृक संस्थान कानपुर वापस जाने का अनुरोध किया था़ अब वीसी के पावर सीज होने की चर्चा बीएयू परिसर व बाहर में हो रही है़ पहले तो इस मामले पर प्रभारी वीसी ने राजभवन से ऐसी किसी निदेश के नहीं मिलने की बात बतायी, लेकिन मंगलवार शाम इसका भी पटाक्षेप हो गया. वीसी विरोधी गुट ने मीडिया में राजभवन के पत्र को सार्वजनिक कर मामले का खुलासा कर दिया़ बताया जा रहा है कि वीसी इस तरह के मामले को लेकर बुधवार को बैठक पर बैठक कर रहे थे़