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रोज शाम को जमती है शराब की महफिल

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था ताक पर है. परिसर में हर दिन शाम होते ही शराब की महफिल जमती है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी की सुरक्षा का जिम्मा चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के भरोसे छोड़ रखा है. यह जानते हुए भी कि लालबाग परिसर स्थित पीजी छात्रओं के पांच […]

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था ताक पर है. परिसर में हर दिन शाम होते ही शराब की महफिल जमती है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी की सुरक्षा का जिम्मा चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के भरोसे छोड़ रखा है. यह जानते हुए भी कि लालबाग परिसर स्थित पीजी छात्रओं के पांच छात्रवास में लगभग 250 छात्रएं रहती हैं.

दोपहर बाद विवि परिसर में मजनुओं का जमावड़ा लगना आम बात हो गयी है. पिछले वर्ष परीक्षा विभाग से छह बैटरियों की चोरी को लेकर विश्वविद्यालय ओपी में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद सीनेट हॉल से कंप्यूटर व अन्य सामग्री की चोरी की बात सामने आयी.

शिक्षकों ने मांगी थी सुरक्षा
इस परिसर में रहनेवाले शिक्षक व छात्राएं असुरक्षा-भाव में जी रहे हैं. हाल ही में होली मिलन के लिए कुलपति को आमंत्रित करने गये शिक्षकों के दल ने पूर्व कुलपति डॉ अंजनी कुमार सिन्हा से परिसर में सुरक्षाकर्मी की व्यवस्था करने की मांग की थी. इसके बाद डॉ सिन्हा ने चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को दरबान के रूप में मुख्य गेट पर तैनात कर दिया था.

दरबान की भी हुई थी पिटाई
गत सात मई की रात लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी के मुख्य गेट पर तैनात दरबान रमेश ठाकुर को कुछ असामाजिक तत्वों ने जम कर पिटाई की थी. श्री ठाकुर का कहना था कि पिटाई करनेवाले लोगों को उन्होंने अंदर प्रवेश करने से रोका था. इसी के विरोध में उनलोगों ने उन्हें घसीटा और पीटा भी. असामाजिक तत्वों का कहना था कि वे अपने मैडम से मिलना चाहते हैं.

कैसे छलकता था जाम
लड़की को कमरे में शनिवार को बंद करनेवाले दरबान जैकी अनवर को विश्वविद्यालय में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति मिली है. कर्मचारियों के अनुसार विश्वविद्यालय में 100 से अधिक अनुकंपा के आधार पर काम करनेवालों को नियुक्ति के बाद वेतन नहीं मिला है. इनमें जैकी अनवर भी शामिल है और इस बात की पुष्टि डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार ने भी की. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर दरबान की आय का वह कौन सा स्नेत है, जिससे वह महंगी अंगरेजी शराब पिया करता था. गार्ड रूम के बगल में पड़ी शराब की कई बोतलें इस बात को साबित करती हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि उन्हें कोई शराब उपलब्ध कराता था या फिर यहां बाहरी लोग आकर शराब पीते हैं. अगर ऐसा है, तो वह कौन सी वजह है कि 250 छात्रओं व बड़ी संख्या में शिक्षकों से भरे कैंपस के गार्ड को महंगी शराब उपलब्ध करायी जाती है या महफिल जमती है. वैसे यह जांच का विषय है.

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