भागलपुर: भागलपुर से खुलने वाले सुपरफास्ट व एक्सप्रेस ट्रेनों की एसी बोगी से हर दिन तौलिया व चादर गायब हो रहे हैं. इससे कोच अटेंडेंट की परेशानी बढ़ गयी है. दरअसल इन गायब होनेवाले सामान के लिए हर्जाना कोच अटेंडेंट को भरना पड़ता है. इस पर रोक लगाने के लिए मालदा डिवीजन ने सितंबर से कागज के पैकेट में दो चादर और एक तौलिया को पैक कर यात्रियों को उनकी सीट पर देना शुरू की. इस पैकेट के ऊपर साफ लिखा होता है कि प्रयुक्त लीनेन गंतव्य स्टेशन पहुंचने के एक घंटा पूर्व यात्री से कोच अटेंडेंट( डब्बा परिचर) जमा ले लेंगे.
लेकिन रेलवे की यह प्रयास भी बेअसर साबित हो रहा है. कोच अटेंडेंट का कहना है कि एक घंटा पहले जब यात्री से तौलिया व चादर मांगा जाता है तो यात्री अटेंडेट को ही खरी-खोटी सुनाते हैं. कभी-कभार तो मारपीट की भी नौबत आ जाती है. इस डर से अटेंडेंट यात्री से चादर व तौलिया जमा कराने के लिए कहने नहीं जाते हैं और तौलिया व चादर गायब होना बदस्तूर जारी है.
विक्रमशिला, वनांचल, सूरत, दादर, साप्ताहिक एक्सप्रेस सहित अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों के भागलपुर लौटने पर एसी बोगी के यात्रियों को दिये जानेवाले तौलिया, चादर व कंबल की गिनती की जाती है. इसमें प्राय: हर दिन तौलिया व चादर कम पाया जाता है. सबसे खराब स्थिति विक्रमशिला सुपरफास्ट ट्रेन की है. गिनती में जितना तौलिया चादर व कंबल कम पाया जाता है, उसकी राशि हर्जाना के रूप में कोच अटेंडेंट को भरनी पड़ता है. बेल रॉल सेक्शन की मानें तो ट्रेन की एसी बोगी में चादर व तौलिया की जो मिसिंग होती है, वह कोच अटेंडेंट के नाम से मिसिंग चढ़ा दिया जाता है.