प्रतियोगिता में बीए स्तर के खिलाड़ी ही खेल सकते हैं. मेजबान टीम बाहरी व इंटर स्तर के खिलाड़ी को अपनी टीम से खिला रही है. इसे लेकर सेमीफाइनल मुकाबला बीच में ही रोक दिया गया. आयोजन समिति व विरोध कर रहे खिलाड़ियों के बीच इस बीच नोक -झोंक भी हुई. एसएसवी कॉलेज की टीम बीच मैदान पर बैठ गयी. बाहरी खिलाड़ी को हटाने की मांग करने लगी. जिस समय मैच रोका गया उस समय मेजबान टीम 6 अंक व एसएसवी कॉलेज टीम 3 अंक हासिल कर चुकी थी.
दूसरे हाफ का खेल होना बाकी था. एसएसवी टीम के खिलाड़ियों ने बताया कि खेल के शुरुआती दौर से ही मेजबान टीम के एक खिलाड़ी का विरोध कर रहे थे, लेकिन आयोजन समिति के लोग कुछ नहीं कर रहे थे. बार-बार कहने पर जब कोई कार्रवाई नहीं की गयी, तो सेमीफाइनल मैच का बहिष्कार किया. एक साजिश के तहत एसएसवी टीम को हराने की तैयारी थी. एसएसवी टीम के सभी खिलाड़ी विवि क्रीड़ा परिषद कार्यालय पहुंच सचिव डॉ तपन कुमार घोष को सारे मामला से अवगत कराया. आयोजन समिति के सचिव डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि जिस खिलाड़ी पर आरोप लगाया जा रहा है. वह मारवाड़ी कॉलेज में स्नातक का छात्र है. टीम में कोई बाहरी खिलाड़ी नहीं खेल रहा है.