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हेल्थ कार्ड तो दूर, स्वास्थ्य जांच भी नहीं

भागलपुर: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों का हेल्थ कार्ड बनाया जाना है. भागलपुर जिले में 7 जुलाई 2015 से आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों में हेल्थ कार्ड बनाये जाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है, लेकिन हेल्थ कार्ड बनाने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है. […]

भागलपुर: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों का हेल्थ कार्ड बनाया जाना है. भागलपुर जिले में 7 जुलाई 2015 से आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों में हेल्थ कार्ड बनाये जाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है, लेकिन हेल्थ कार्ड बनाने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है.

वैसे जिले में बच्चों के हेल्थ जांच के लिए डॉक्टरों की कुल 21 जांच टीमें बनायी गयी हैं, लेकिन हेल्थ कार्ड बनाने की बात तो दूर अभी इक्का-दुक्का स्कूलों को छोड़ कर बच्चों के स्वास्थ्य जांच भी शुरू नहीं हो पाया है. यहां बता दें कि जिले में 16 प्रखंड हैं और प्रत्येक प्रखंड में 2 स्वास्थ्य जांच टीम बनायी जानी है. वर्तमान में जिले में 21 जांच टीमें ही गठित हो पायी है. प्रत्येक टीम में 2 आयुष चिकित्सक, 1 फर्मासिस्ट व 1 एएनएम होंगे.

जिले में बनेगी डीइआइसी सेंटर
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय की ओर से राज्य के सभी सरकारी स्कूली बच्चों का हेल्थ कार्ड बनाया जाना है. इसकी जिम्मेवारी बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति को दी गयी है. राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार सबसे पहले बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जानी है. इसके बाद बच्चों का हेल्थ कार्ड बना उसे स्वास्थ्य केंद्रों से जोड़ना है, ताकि बच्चों को डॉक्टरी सुविधाएं आसानी से मिल सके. मालूम हो कि हेल्थ कार्डधारी बच्चों के इलाज के लिए जिले में एक अलग से डीइआइसी यानी डिस्ट्रिक अर्ली इंटरवेंशन सेंटर गठित किया जाना है. वैसे जब तक इस सेंटर का निर्माण नहीं होता है, तब तक सदर अस्पताल में हेल्थ कार्ड से बच्चों का इलाज कराने की सुविधा उपलब्ध रहेगी. गौरतलब है कि स्कूलों में पढ़ाई कर रहे नि:शक्त बच्चों की जांच कर उन्हें विकलांगता प्रमाण पत्र भी दिया जाना है.
जिले में जहां बच्चों का बनाया जाना है हेल्थ कार्ड
भागलपुर जिले में 2115 आंगनबाड़ी केंद्रों के अलावा 1845 प्राथमिक विद्यालय, उत्क्रमित उच्च विद्यालय समेत 218 हाई स्कूलों और सरकार द्वारा अनुदानित प्राप्त 57 स्कूलों के बच्चों की स्वास्थ्य जांच और हेल्थ कार्ड बनाया जायेगा. यहां बता दें कि जिले के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों व विद्यालयों में हेल्थ कार्ड बनाने का काम अब तक शुरू भी नहीं हो पाया है. विभाग कभी डॉक्टरों तो कभी कर्मचारियों का रोना रो रहे हैं.

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