ओपेन जेल में कैदी अपने परिवार के साथ रह सकता है. कैदियों के लिए एक या दो रूम का फ्लैट उपलब्ध कराया जाता है. इसमें बाथरूम और किचेन भी अटैच्ड रहता है. ओपेन जेल में न तो ऊंची और लंबी दीवारें होती हैं, न बार होते हैं न ताले और न ही सशस्त्र बल की तैनाती होती है. कैदी के रहने और खाने की व्यवस्था तो जेल के द्वारा किया जाता है पर परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेवारी कैदी की होती है. कैदी जेल से बाहर जाकर काम कर सकता है. शर्त यह होती है कि शाम 5 बजे से पहले वह जेल वापस आ जायेगा. सुबह 6 बजे के बाद कैदी अपने काम पर निकल सकता है. ओपेन जेल में देश के किसी
Advertisement
अब भागलपुर में खुलेगा ओपेन जेल
भागलपुर: भागलपुर सेंट्रल जेल में ओपेन जेल खोले जाने की तैयारी है. इसके लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. बड़े अधिकारियों की एक टीम ने जेल निरीक्षण भी किया है. यह बिहार का दूसरा ओपेन जेल होगा. अभी तक बिहार में एक मात्र ओपेन जेल बक्सर में है. यानी अब उम्र कैद या लंबी […]
भागलपुर: भागलपुर सेंट्रल जेल में ओपेन जेल खोले जाने की तैयारी है. इसके लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. बड़े अधिकारियों की एक टीम ने जेल निरीक्षण भी किया है. यह बिहार का दूसरा ओपेन जेल होगा. अभी तक बिहार में एक मात्र ओपेन जेल बक्सर में है. यानी अब उम्र कैद या लंबी अवधि की सजा काट रहे कैदी भी आम लोगों की तरह जीवन व्यतीत कर पायेंगे.
कैसा होता है ओपेन जेल : अपनी सजा की एक खास अवधि काटने के बाद ओपेन जेल के लिए कैदियों का चुनाव किया जाता है. जिस कैदी का व्यवहार अच्छा रहता है उसे ही ओपेन जेल में ट्रांसफर किये जाने का प्रावधान है.
बक्सर से बड़ा होगा यहां का ओपेन जेल
फिलहाल बिहार में एक मात्र ओपेन जेल बक्सर में है. इस ओपेन जेल की क्षमता 122 कैदियों की है. बक्सर का ओपेन जेल लगभग 23 एकड़ में है. भागलपुर सेंट्रल जेल का रकबा 102 एकड़ है जबकि जेल का परिसर लगभग 24 एकड़ में ही है. बाकी बचे जमीन पर ओपेन जेल का निर्माण कराया जायेगा. जेल प्रशासन से जुड़े बड़े अधिकारी का कहना है कि यहां बनने वाला ओपेन जेल बक्सर से बड़ा होगा.
ऐसे कैदियों को ओपेन जेल में रहने का मिलेगा मौका
– जो मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ हों
– जिनकी उम्र 21 से कम और 50 से ज्यादा न हों
– जो अपनी सजा अवधि का कम से कम एक चौथाई समय व्यतीत कर चुका हो
– सजा की अवधि व्यतीत करते हुए जिनका व्यवहार अच्छा रहा हो
– जिसके खिलाफ कोई केस कोर्ट में पेंडिंग न हो
– जो आदतन अपराधी न हो
ओपेन जेल के कांसेप्ट के पीछे यह है आधार
ओपेन जेल के कांसेप्ट कैदियों में आत्म अनुशासन, जिम्मेवारी, आत्म विश्वास और आत्म ज्ञान को विकसित करने पर आधारित होता है. ये सारी विशेषताएं कैदियों के सजा काटते हुए व्यवहार में देखने के बाद उस कैदी को ओपेन जेल में ट्रांसफर करने पर विचार होता है. सजा की अवधि पूरी करने के बाद कैदी ओपेन जेल से रिहा हो जाता है और उसकी जगह दूसरा कैदी लेता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement