सूबे के अधिकांश अस्पतालों में दवाओं की घोर कमी है. इसके कारण गरीबों की जान जा रही है, लेकिन इस ओर किसी भी राजनीतिक दल का ध्यान नहीं जा रहा है. आज विभिन्न पार्टियां ढेरों वादों करती है और सत्ता में आ जाती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह लोगों की परेशानियां भूल जाते हैं. गरीबों को दो वक्त का भोजन नसीब नहीं हो पाता है, तो वे प्राइवेट क्लिनिक में कहां से जा पायेंगे. कही अस्पतालों में दवा उपलब्ध है, तो विभाग की उदासीनता के कारण लोगों को दवा नहीं मिल पाता है और लोग घंटों लाइन में लगे रहने के बाद वापस घर लौट जाते हैं. इसके कारण लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी है. लोगों कहना है कि एक तरफ स्मार्ट सिटी, मेट्रो, हाइ स्पीड का सपना दिखाया जा रहा है, तो दूसरी ओर लोग मूलभूत सुविधाओं से भी महरूम हैं. मो मुबारक, खरीक, भागलपुर
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सरकारी अस्पताल में दवाओं की कमी
सूबे के अधिकांश अस्पतालों में दवाओं की घोर कमी है. इसके कारण गरीबों की जान जा रही है, लेकिन इस ओर किसी भी राजनीतिक दल का ध्यान नहीं जा रहा है. आज विभिन्न पार्टियां ढेरों वादों करती है और सत्ता में आ जाती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह लोगों की परेशानियां भूल […]
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