भागलपुर: सिंडिकेट बैंक में लोन जमानतदार के फर्जी हस्ताक्षर कर लोन की राशि बढ़ाने का मामला प्रकाश में आया है. इस बारे में जमानतदार जोगसर के असीत कुमार दास ने कोर्ट में शिकायत वाद दायर किया था. इस वाद पर थाना कोतवाली पुलिस ने सिंडिकेट बैंक के शाखा प्रबंधक विमल किशोर गुप्ता के अलावा बैंक के पूर्व वरीय प्रबंधक पीसी प्रतीक,पूर्व मैनेजर एडभांस राजेंद्र हेम्ब्रम सहित लोन आवेदक विष्णु कुमार शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया है. फर्जी हस्ताक्षर के मामले में बैंक लोकपाल ने भी असीत कुमार दास को कोर्ट जाने की सलाह दी थी.
यह था मामला. सिंडिकेट बैंक में विष्णु शर्मा ने लोन आवेदन किया था. इसमें जोगसर के असीत कुमार दास को जमानतदार बनाया था. असीत कुमार दास 9 लाख रुपये तक के लोन का जमानतदार बना था. असीत कुमार दास के शिकायत वाद के अनुसार बैंक के पूर्व वरीय प्रबंधक पीसी प्रतीक सहित अन्य ने उसके लोन की सीमा बढ़ दी. जिससे उसे 18 लाख रुपये की राशि लोन दे दी गयी. इसके बाद उसके लोन की राशि को 21 लाख रुपये तक कर दिया गया.
उन्होंने बताया कि 10 जून 2010 तथा 12 जून 2010 को नया लोन कागजात बनाया गया. इस कागजात में उसके फर्जी हस्ताक्षर किये गये. इस कागजात में असीत कुमार दास के हस्ताक्षर के अलावा बैंक के अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने हस्ताक्षर किये. असीत के मुताबिक, वह जब इस मामले को लेकर बैंक में गया तो उससे 3 दिसंबर 2013 को दो लाख रुपये की राशि लेकर कागजात पर हस्ताक्षर की फोंरेसिंक जांच कराने का आश्वासन दिया. मगर इस ओर कोई जांच नहीं की गयी. बाद में असीत कुमार दास ने 2 सितंबर 2014 को बैंक लोकपाल से मामले की शिकायत की. इस शिकायत पर बैंक लोकपाल ने हस्ताक्षर के फर्जी होने के मसले पर असीत कुमार दास को कोर्ट से कार्रवाई कराने की सलाह दी. जिसके बाद असीत कुमार दास ने मामले में शिकायत वाद दायर किया था.