जमीन खाली कराने जब टीम पहुंची, तो कब्जाधारी ने आपत्ति जतायी. उन्हें जब समझाया गया कि न्यायालय का आदेश है, तो कब्जाधारी न्यायालय का सम्मान करते हुए जमीन खाली करने के लिए राजी हुए और राजीनामा लिख कर दिया. जमीन मालिक ओमप्रकाश चार भाई व एक बहन हैं. यह जमीन इनके पिता ने खरीदी थी. जमीन खरीदने से पहले से उस पर कब्जा था. जमीन खाली कराने के लिए वे लोग न्यायालय की शरण में गये थे. लंबे समय बाद 1998 में विवादित जमीन पर डिग्रीधारी को दखल दिलाने का आदेश आया.
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मजिस्ट्रेट की निगरानी में दिलाया गया जमीन पर कब्जा
भागलपुर. दीपनगर में ओमप्रकाश मंडल की जमीन को लगभग 35 साल बाद रविवार को कब्जाधारियों से मुक्त कराया गया. यह न्यायालय से फैसला आने पर संभव हो सका है. कब्जाधारी नाथनगर की मीणा देवी व उनका परिवार वर्ष 1983 से भी पहले से कच्च मकान बना कर रह रहा था. मजिस्ट्रेट नाथनगर के प्रखंड कल्याण […]
भागलपुर. दीपनगर में ओमप्रकाश मंडल की जमीन को लगभग 35 साल बाद रविवार को कब्जाधारियों से मुक्त कराया गया. यह न्यायालय से फैसला आने पर संभव हो सका है. कब्जाधारी नाथनगर की मीणा देवी व उनका परिवार वर्ष 1983 से भी पहले से कच्च मकान बना कर रह रहा था. मजिस्ट्रेट नाथनगर के प्रखंड कल्याण विकास पदाधिकारी आनंद प्रसाद सिंह ने आदमपुर पुलिस की मदद से जमीन को कब्जाधारी से मुक्त कराया है.
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