-अभी भी सत्र नियमित करने में नहीं मिल पायी है टीएमबीयू को सफलता-सत्र 2012-15 के छात्र का अभी भी नहीं आया है पार्ट टू का रिजल्टवरीय संवाददाता, भागलपुरतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय सत्र को नियमित करने में सफलता प्राप्त नहीं कर पाया है. यहां आज भी छात्रों को तीन वर्ष के बीए, बीएससी व बीकॉम करने के लिए चार वर्ष तक दौड़ लगानी पड़ रही है. छात्र यह सोच कर नामांकन कराते हैं कि तीन साल में बैचलर डिग्री लेने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट जायेंगे, लेकिन बाद में उन्हें पता चलता है कि और एक से डेढ़ साल का अतिरिक्त वक्त टीएमबीयू के गलियारे में ही गुजारना होगा.सत्र 2012-15 के छात्रों की परेशानी सत्र विलंब होने को लेकर है. एक छात्र ने सूचना दी कि वह और उनके दोस्तों ने वर्ष 2012 में इंटर के रिजल्ट प्राप्त करने के बाद बीए में नामांकन कराया. वर्ष 2013 में पार्ट वन की परीक्षा दी. काफी विलंब से रिजल्ट आया. इसके दो साल के बाद इस वर्ष का छह माह गुजर जाने के बाद भी पार्ट टू का रिजल्ट नहीं आया है. उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं है कि वर्ष 2016 में उत्तीर्ण हो ही जायेंगे.एक वर्ष सत्र विलंब होने का सर्वाधिक असर छात्रों के कैरियर पर पड़ता है. छात्रों को दोहरी मार झेलनी पड़ती है. इस एक वर्ष में होनेवाली ग्रेजुएशन स्तर की प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने से वे वंचित हो जाते हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आयुसीमा में उनकी उम्र भी एक वर्ष कम हो जाती है. कोट :यह बात सही है कि सत्र एक साल विलंब से चल रहा है. लेकिन परीक्षा विभाग इस प्रयास में लगा है कि सत्र नियमित किया जा सके. इसके लिए 2015 के पार्ट वन, टू व थ्री की परीक्षा इसी वर्ष समाप्त कर देंगे.डॉ अरुण कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक, टीएमबीयू
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तीन वर्ष के बीए के लिए चार वर्ष की दौड़
-अभी भी सत्र नियमित करने में नहीं मिल पायी है टीएमबीयू को सफलता-सत्र 2012-15 के छात्र का अभी भी नहीं आया है पार्ट टू का रिजल्टवरीय संवाददाता, भागलपुरतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय सत्र को नियमित करने में सफलता प्राप्त नहीं कर पाया है. यहां आज भी छात्रों को तीन वर्ष के बीए, बीएससी व बीकॉम करने के […]
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