भागलपुर: भूमि विवाद अधिनियम के तहत भूमि सुधार उपसमाहर्ता (डीसीएलआर) जो फैसला लेते हैं, उसे तत्काल विभाग के वेबसाइट पर अप लोड करेंगे. मुख्य सचिव ने गुरुवार को विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के लिए आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में यह निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जिस दिन फैसला वेबसाइट पर अपलोड होगा, वह फैसला उसी दिन का माना जायेगा, चाहे डीसीएलआर उस पर एक माह पूर्व ही क्यों नहीं फैसला सुना चुके हैं.
वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव ने लोक सेवा अधिकार अधिनियम (आरटीपीएस) के तहत लगातार निरीक्षण व छापेमारी का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि समय सीमा समाप्त कर चुके आवेदनों पर डीसीएलआर व अनुमंडलाधिकारी स्वत: संज्ञान लेते हुए अधिनियम में दिये गये प्रावधानों के तहत जुर्माना आदि की कार्रवाई करें. उन्होंने बताया कि अक्तूबर-नवंबर में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया समाप्त करनी है. उप विकास आयुक्त नियोजित शिक्षकों को ज्वाइनिंग लेटर मिला कि नहीं, लेटर भेजने की प्रक्रिया, लेटर डिस्पैच हुआ कि नहीं आदि की जांच करेंगे और सभी को ज्वानिंग लेटर मिलना सुनिश्चित करायेंगे.
शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि यदि किसी विद्यालय में अतिरिक्त वर्ग कक्ष, लड़कियों के शौचालय आदि निर्माण के लिए ठेकेदार नहीं मिलते हैं तो, इसके निर्माण का कार्य विद्यालय शिक्षा समिति से कराया जायेगा और पीएचइडी इसके लिए राशि मुहैया करायेगी. विद्यालय में सफाई कार्य व छोटे-मोटे रखरखाव कार्य में पंचायत की राशि व स्कूल की राशि व्यय की जायेगी. उन्होंने कहा कि बाढ़ आदि के कारण यदि किसी स्कूल में मध्याह्न् भोजन बंद है, तो उसे तत्काल शुरू किया जाये. स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना के कार्यान्वयन के लिए सभी जिला को चार सदस्यीय टीम सरकार की ओर से भेजी जा रही है.
टीम सभी जगह स्वास्थ्य कार्ड आदि बनाने का कार्य करेगी. मुख्य सचिव ने बताया कि बीसवान का ठेका 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इस पर नजर रखने का निर्देश देते हुए कहा कि वह इसका ध्यान रखें कि ठेका रद्द होने के कारण बीसवान के कर्मचारी अंतिम दिन कोई गड़बड़ी न कर दे, जिससे कोषागार आदि का पूरा सिस्टम ही ठप हो जाये. वीडियो कांफ्रेंसिंग में विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव व जिला से डीएम प्रेम सिंह मीणा, उप विकास आयुक्त राजीव प्रसाद सिंह रंजन, अपर समाहर्ता श्यामल किशोर पाठक, डीआरडीए निदेशक डॉ एसएन सिंह, जिला योजना पदाधिकारी विमलेश मिश्र आदि उपस्थित थे.
जांच से पहले करें प्रचार-प्रसार मुख्य सचिव ने मनरेगा की होने वाली जांच से पहले संबंधित पंचायत में प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश दिया, ताकि जांच के दौरान अधिक से अधिक संख्या में आम लोग व मनरेगा मजदूरों की उपस्थिति हो सके. उन्होंने कहा कि जांच की जाने वाली योजनाओं का चयन रैंडमली किया जाये, न कि कार्यक्रम पदाधिकारी व मुखिया की पसंद से योजनाओं का चयन हो.