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बजट में ही अनुलोम-विलोम कर रहा योग का कोर्स

भागलपुर: आज हर किसी की बड़ी आवश्यकता में योग शामिल है. घर-घर में इसे अपनाया जा रहा है. वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने हर वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने की घोषणा की और रविवार को विश्व भर में योग कार्यक्रम में लोग शामिल भी हुए, लेकिन तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय इस […]

भागलपुर: आज हर किसी की बड़ी आवश्यकता में योग शामिल है. घर-घर में इसे अपनाया जा रहा है. वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने हर वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने की घोषणा की और रविवार को विश्व भर में योग कार्यक्रम में लोग शामिल भी हुए, लेकिन तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय इस जरूरत को समझते हुए पिछले तीन वर्षो से योग का कोर्स शुरू करने की पहल कर रहा है. हर साल बजट में इसे शामिल कर राज्य सरकार व राजभवन भेजा भी जाता है, लेकिन विश्वविद्यालय को आज तक कोर्स शुरू करने की अनुमति नहीं मिल सकी. यह योग की एक क्रिया अनुलोम-विलोम की तरह बजट के माध्यम से नीचे-ऊपर ( विवि से पटना तक) करता रहा है.
गत बजट में भी किया गया था प्रावधान
गत 28 फरवरी को पारित बजट में भी योग सहित पांच पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए राशि का प्रावधान किया गया था. इन पाठ्यक्रमों के शुरू होने से छात्र काफी लाभान्वित होंगे, लेकिन यह इस साल भी आरंभ हो पायेगा या नहीं, इस पर संशय है.
घर में योग से जुड़नेवालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए वर्ष 2012 में योग का कोर्स शुरू करने का निर्णय भागलपुर विश्वविद्यालय ने लिया था. बजट में योग सहित फिजियोथेरापी, पत्रकारिता, संगीत, सांस्कृतिक व युवा कल्याण जैसे पाठ्यक्रम शामिल किये गये थे. तब कुलपति के पद पर डॉ विमल कुमार थे. इसके बाद के वर्षो के बजट में इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए राशि का प्रावधान किया जाता रहा. इस वर्ष भी पारित किये गये बजट में इसे शामिल किया गया है.
शुरू होता कोर्स, तो क्या मिलता लाभ
देश भर में कई ऐसे शिक्षण संस्थान हैं, जहां योग के शिक्षक कार्यरत हैं. छात्र-छात्रओं को योग की शिक्षा दे रहे हैं. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय पिछले तीन वर्षो से बजट में राशि का प्रावधान करता आ रहा है. कोर्स शुरू हो गया होता, तो यहां से छात्र प्रशिक्षित होकर सर्टिफिकेट प्राप्त करते और रोजगार पा सकते. यह कोर्स छात्रों को योग के प्रति प्रेरित करने में भी बड़ी भूमिका निभाता.

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