तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे ने बताया कि उन्होंने 1970 में हाइस्कूल राजपुर, सीवान से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी. 75 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ था. बिहार में 33वां रैंक था. नेशनल मैरिट स्कॉलरशिप मिला था. उन्होंने बताया कि अखबार से उन्हें मैट्रिक के रिजल्ट की जानकारी मिली थी. पिताजी त्रिभुवन नाथ दुबे और मां शांति देवी रिजल्ट जान कर काफी खुश हुए थे. घर में खुशी की लहर दौड़ गयी थी. उन्होंने बताया कि तब दूर-दूर स्कूल हुआ करते थे. छात्र-छात्राओं को कोसों दूर पैदल स्कूल जाना पड़ता था. अब काफी बदलाव आ गया है. अब हर मुहल्ले में स्कूल है. बच्चों को पढ़ने की काफी सुविधाएं उपलब्ध हो गयी हैं. इसका पूरा लाभ बच्चों को उठाना चाहिए ताकि बिहार बढ़ सके, देश बढ़ सके.
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बिहार में 33वां रैंक लाया था वीसी प्रो दुबे ने
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे ने बताया कि उन्होंने 1970 में हाइस्कूल राजपुर, सीवान से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी. 75 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ था. बिहार में 33वां रैंक था. नेशनल मैरिट स्कॉलरशिप मिला था. उन्होंने बताया कि अखबार से उन्हें मैट्रिक के रिजल्ट की जानकारी मिली थी. पिताजी त्रिभुवन […]
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