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नये सत्र में भी कम पड़ेंगे कॉलेज शिक्षक!

भागलपुर: शिक्षकों की कमी से जूझ रहे तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय व इसके अधीन कॉलेजों में छात्र-छात्राओं के लिए नये सत्र का आरंभ फीका रहेगा. कॉलेजों में क्लास तो लगेगी, पर संभव है कि पढ़ाने को कई विषयों के शिक्षक नहीं होंगे. विवि व कॉलेजों में नये शिक्षक की नियुक्ति में अभी महीनों लगने की संभावना […]

भागलपुर: शिक्षकों की कमी से जूझ रहे तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय व इसके अधीन कॉलेजों में छात्र-छात्राओं के लिए नये सत्र का आरंभ फीका रहेगा. कॉलेजों में क्लास तो लगेगी, पर संभव है कि पढ़ाने को कई विषयों के शिक्षक नहीं होंगे. विवि व कॉलेजों में नये शिक्षक की नियुक्ति में अभी महीनों लगने की संभावना है.

टीएमबीयू समेत सूबे के सभी विश्वविद्यालयों व संबद्ध कॉलेजों में शिक्षक नियुक्ति की जिम्मेदारी बिहार लोक सेवा आयोग को मिली है. इस दिशा में बीपीएससी की कछुआ चाल का आलम यह है कि 3364 पदों के लिए आये लगभग 80 हजार आवेदनों की पांच माह में स्क्रूटनी तक पूरी नहीं हुई है. शिक्षा विभाग का दावा था कि जुलाई से पहले ही शिक्षकों की नियुक्ति पूरी कर ली जायेगी, ताकि नया सत्र शुरू होने के पहले शिक्षक नियुक्ति हो जाये, लेकिन वर्तमान हालात देखते हुए नये सत्र में शिक्षकों की कमी पूरी हो पाना निश्चित नहीं दिख रहा.

आवेदनों की डाटा इंट्री भी अधूरी
बीपीएससी में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि पांच जनवरी, 2015 थी. जनवरी बीता, फरवरी, मार्च, अप्रैल व मई भी निकल गयी. पांच महीने में आवेदनों की डाटा इंट्री व फिर स्क्रूटनी का काम पूरा नहीं हो सका है. शिक्षक अभ्यर्थियों का चयन एकेडमिक रिकॉर्ड व साक्षात्कार के आधार पर होना है. 100 में से 85 अंक मैट्रिक से स्नातकोत्तर तक के प्राप्तांकों पर मिलेंगे. इसी में नेट परीक्षा पास व पीएचडी उपाधि का भी अंक जुड़ेगा. बाकी के 15 अंक साक्षात्कार पर निर्भर होगा. साक्षात्कार के लिए हर विषय के तीन विशेषज्ञों की कमेटी बनेगी.
तकनीकी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी धीमी
भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेज, भागलपुर समेत सूबे के सभी इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 850 शिक्षकों की भी नियुक्ति आयोग को ही करनी है. विवि व कॉलेज शिक्षक नियुक्ति के साथ-साथ आयोग के लिए यह भी चुनौती है कि नया सत्र आरंभ होने तक कैसे नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाये. आयोग में इस बात पर भी मंथन चल रहा है कि पहले इंजीनियरिंग-पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षकों की नियुक्ति की जाये या फिर विश्वविद्यालय के. इस पर भी निर्णय जुलाई में ही होना है.
80 हजार से अधिक आवेदन आये हैं. सबकी त्रि-स्तरीय जांच के बाद मेधा सूची बनानी है. इस मुद्दे पर जुलाई में आयोग की बैठक में निर्णय होना है. मेधा सूची के आधार पर साक्षात्कार प्रक्रिया के बाद शिक्षकों की नियुक्ति होगी.
राधामोहन प्रसाद,सचिव
बिहार लोक सेवा आयोग

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