भागलपुर: मेरी पढ़ाई टीएनबी में भी हुई है. उस समय छात्रों की उपस्थिति, अनुशासन पर कोई सवाल ही खड़ा नहीं किया जा सकता था. आज मेरी छोटी बहन इस कॉलेज में पढ़ रही है. पढ़ाई की स्थिति इस बात से समझी जा सकती है कि मेरी बहन ट्यूशन चाहती है. आज कॉलेज की प्रशासनिक व्यवस्था इस तरह की हो गयी है कि छात्र-छात्राओं को हमेशा असुरक्षा का भाव रहता है. प्रायोगिक कक्षा में सुधार की सख्त जरूरत है. सोमवार को ये बातें टीएनबी कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र व अभिभावक वसीम राजा ने कॉलेज में आयोजित अभिभावक दिवस के मौके पर आयोजित बैठक में कही. अभिभावक जयकृष्ण झा ने कहा कि जो माता-पिता अपने बच्चों को नहीं पढ़ाते, वे बच्चों के शत्रु हैं.
अरविंद कुमार मंडल ने कहा कि छात्र दूर-दराज से भी कॉलेज आते हैं, लेकिन उन्हें अक्सर क्लास सस्पेंड मिलता है. केवल कोर्स पूरा कर देना ठीक नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए. कोर्स पूरा नहीं होने पर अतिरिक्त कक्षा की व्यवस्था हो. अभिभावक गौतम कुमार ने कहा कि सस्पेंड क्लास की पूर्व में सूचना दी जानी चाहिए ताकि बच्चे परेशानी से बच सकें.
शिक्षक प्रो राजीव कुमार सिंह ने कहा कि अभिभावकों की मासिक बैठक करने का प्रयास किया जायेगा. अभिभावक अपने बच्चों को कोचिंग नहीं, बल्कि कॉलेज भेजें. कोचिंग के चलते छात्रों की उपस्थिति कम होती है. बच्चों को एनसीइआरटी की किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करें. अगर 75 फीसदी उपस्थिति के नियम का सख्ती से पालन किया जाता है, तो छात्र सड़क जाम और पुतला दहन करने लगते हैं. ऐसे में अभिभावकों को मदद के लिए खड़ा होना चाहिए. बच्चों को नियमित कॉलेज भेजें. कार्यक्रम का संचालन प्रो मनोज कुमार ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ खानम ने किया. कार्यक्रम को प्रो रामचंद्र घोष ने भी संबोधित किया.