शहर से सटे उक्त दोनों इलाके में कई महीनों से अवैध हथियार बनाये जाने का काम जारी थी. हथियार का कुछ खेप मुंगेर में सप्लाइ भी किया गया था. ताकि विधानसभा चुनाव में उसका उपयोग किया जा सके. लेकिन पुलिस को दोनों फैक्टरी की भनक मिली.
छापेमारी की गयी तो दोनों फैक्टरी पकड़ी गयी. पुलिस आर्डर देने वालों का भी पता लगा रही है, ताकि यह जानकारी मिल सके कि किस स्थान से कितने हथियार का डिमांड था. जांच में यह भी पता चला कि यहां से तैयार हथियार नक्सली को भी सप्लाइ होता है. हथियार तस्करों का नेटवर्क नेपाल और बंगलादेश तक फैला हुआ है.