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कला केंद्र में मिल रही मंजूषा कला की सीख

संवाददाताभागलपुर : स्थानीय कला केंद्र में मंगलवार से आयोजित पांच दिवसीय मंजूषा व क्राफ्ट कार्यशाला के चौथे दिन 50 युवाओं ने भाग लिया. इस कार्यशाला में जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से फाइन आर्ट्स में डिग्री प्राप्त देवव्रत भास्कर, मृत्युंजय, सुनील चौधरी व अनुभवी शिक्षक विजय साह प्रशिक्षण दे रहे हैं. कार्यशाला अंग की लोक गाथा बिहुला-विषहरी […]

संवाददाताभागलपुर : स्थानीय कला केंद्र में मंगलवार से आयोजित पांच दिवसीय मंजूषा व क्राफ्ट कार्यशाला के चौथे दिन 50 युवाओं ने भाग लिया. इस कार्यशाला में जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से फाइन आर्ट्स में डिग्री प्राप्त देवव्रत भास्कर, मृत्युंजय, सुनील चौधरी व अनुभवी शिक्षक विजय साह प्रशिक्षण दे रहे हैं. कार्यशाला अंग की लोक गाथा बिहुला-विषहरी पर केंद्रित है. मंजूषा का सीधा संबंध इस लोक गाथा से है. प्राचार्य रामलखन सिंह ने बताया कि कला केंद्र ने इस लोक गाथा को मंजूषा लोक कला से उभारने का काम किया है. साथ ही लगातार इसके विकास के क्रम में नयी पीढ़ी को इससे जोड़ने के लिए अग्रसर है. कला केंद्र के मार्गदर्शन में छात्र रहे शेखर की नवोन्मेषी प्रवृत्ति से मंजूषा की चित्र शैली सामने आयी. लोक कलाकार स्व चक्रवर्ती देवी की इसमें महती भूमिका रही है.

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