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दिल्ली के विधि मंत्री का खाता खंगाल रही पुलिस

भागलपुर/मुंगेर: दिल्ली के आप सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के लॉ की डिग्री से संबंधित दस्तावेज की जांच मंगलवार को मुंगेर के विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान में दिल्ली पुलिस द्वारा की गयी. दिल्ली के होजखास थाना के इंस्पेक्टर आनंद स्वरूप ने विधि संस्थान में नामांकन उपस्थिति पंजी एवं अन्य दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन […]

भागलपुर/मुंगेर: दिल्ली के आप सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के लॉ की डिग्री से संबंधित दस्तावेज की जांच मंगलवार को मुंगेर के विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान में दिल्ली पुलिस द्वारा की गयी. दिल्ली के होजखास थाना के इंस्पेक्टर आनंद स्वरूप ने विधि संस्थान में नामांकन उपस्थिति पंजी एवं अन्य दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया और उससे संबंधित दस्तावेज अपने साथ ले गये.

दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर इंस्पेक्टर आनंद स्वरूप दोपहर बाद मुंगेर पहुंचे और विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान पहुंचे. उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से जीतेंद्र सिंह तोमर से संबंधित दस्तावेज प्राप्त की और उसका अवलोकन किया. वे जीतेंद्र सिंह तोमर के विधि स्नातक से संबंधित पार्ट-1, 2 एवं 3 के उपस्थिति पंजी, पार्ट-1 के नामांकन पंजी एवं विश्वविद्यालय द्वारा जारी रिजल्ट सीट के क्रॉस लिस्ट की प्रति प्राप्त कर उसे अभिप्रमाणित करा कर अपने साथ ले गये. विदित हो कि उन्होंने मुंगेर के विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान से वर्ष 1999 में लॉ की डिग्री प्राप्त की थी. लेकिन उनके नामांकन के समय जमा की गयी स्नातक के दस्तावेज यहां सुरक्षित नहीं हैं.

1994 में कराया था नामांकन. कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर वर्ष 1994 में विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान मुंगेर में छात्र के रुप में दाखिला लिया था. वर्ष 1995 में प्रथम एवं 1996 में द्वितीय खंड की परीक्षा दी थी. किंतु वे 1997 के तृतीय खंड के परीक्षा में शामिल नहीं हो पाये थे. जिसके कारण 1998 में तृतीय खंड की परीक्षा दी थी और वर्ष 1999 में कॉलेज से पास आउट हुए.
सर्टिफिकेट की नहीं हुई थी जांच. वर्ष 1994 में जब जितेंद्र सिंह तोमर विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान में नामांकन करा रहे थे तो उन्होंने उत्तर प्रदेश के फैजाबाद स्थित अवध विश्वविद्यालय से बीएससी पास का सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी जमा कराया था. विधि संस्थान के वर्तमान प्रिंसपल डॉ आरके मिश्र ने बताया कि जिस वक्त उन्होंने यहां नामांकन कराया होगा उस समय मूल प्रमाण पत्र का मिलान कर छाया प्रति ली गयी होगी. मूल प्रमाण पत्र की जांच उसी आधार पर होता है जब छात्र के खिलाफ किसी प्रकार की शिकायत आती है कि उसका मूल प्रमाण पत्र अवैध है.

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