तीन महीने से दो हजार से अधिक लाइसेंस के आवेदन लंबित पड़े हैं. विभाग का कहना है कि कार्ड आने के बाद पेपर वाले लाइसेंस को रद्द कर स्मार्ट कार्ड जैसा लाइसेंस निर्गत कर दिया जायेगा. हर मंगलवार को अस्थायी लाइसेंस को स्थायी करने के लिए सैंडिस मैदान में टेस्ट लिया जाता है, इसमें 40-50 लोग ड्राइविंग टेस्ट पास करते हैं. जो पास करते हैं उनका स्थायी लाइसेंस विभाग बनाता है.
अब देखना है कि विभाग कब कार्ड सप्लाइ करने वाली एजेंसी को कार्ड सप्लाइ के लिए ठेका देता है. अगर इस महीने तक ठेका नहीं दिया गया, तो आवेदनों की फाइल काफी भारी हो जायेगी और विभाग को स्मार्ट कार्ड के वितरण में परेशानी का सामना करना होगा. जानकारी के अनुसार पटना से ही सूबे के सभी जिलों को ठेकेदार से कार्ड लेकर आपूर्ति की जाती है.