इस दौरान पार्षद रंजन सिंह और नगर आयुक्त के बीच तनातनी की स्थिति हो गयी. पार्षद रंजन सिंह ने नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह पर निगम को मनमाने तरीके से चलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त किसी भी योजना के बारे में जानकारी नहीं देते हैं और योजना में कमीशन लेते हैं. पार्षद ने आरोप लगाया कि योजना में निगम के इंजीनियर सात प्रतिशत, व नक्शा पास करने में सात हजार रुपये मांगा जाता है. पार्षद रंजन सिंह ने नगर आयुक्त पर यह आरोप लगाया कि निगम के पांच सेवानिवृत कर्मचारी को एकमुश्त में उपादन की राशि दे दी गयी. पांच निगम कर्मी को छठा वेतन व पंचम वेतन का लाभ दिया गया.
इसके लिए 10 प्रतिशत का कमीशन लिया जा रहा है. इस पर नगर आयुक्त ने पार्षद को चुनौती दी कि आप अपने आरोपों को प्रमाणित करें. नगर आयुक्त ने पार्षद से कहा कि या तो आरोपों को साबित करें, अन्यथा इस तरह के अनाप-शनाप आरोप नहीं लगायें. इसी बीच पार्षद रंजन सिंह बैठक से उठ कर चले गये. तय हुआ कि सशक्त स्थायी समिति की बैठक अब 12 मई को होगी जिसमें सभी एजेंडे पर चर्चा की जायेगी.बैठक में डिप्टी मेयर डॉ प्रीति शेखर ने भी कहा कि बिना एजेंडा के बैठक बुलाने का क्या औचित्य है. बैठक में नगर सचिव देवेंद्र सुमन, पार्षद सदस्य संजय कुमार सिन्हा,रंजन सिंह, अबरार हुसैन, काकुली बनर्जी, संतोष कुमार आदि भी उपस्थित थे.