फोटो – मनोज डॉ हेमशंकर शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक वरीय संवाददाता, भागलपुर तीन दिनों से लगातार आ रहे भूकंप के दौरान गुजरी रातों का जिक्र करते हुए डॉ हेमशंकर शर्मा कहते हैं कि पूर्व में गुजरात, उत्तराखंड आदि में भूकंप का काफी खराब अनुभव रहा. इसको लेकर इस भूकंप से भी भयभीत होना स्वाभाविक है, लेकिन पैनिक नहीं हुए. भूकंप का कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता, इसलिए उन्होंने जहां तक हो सका लोगों को अफवाहों से बचने की सलाह दी. लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक भी करते रहे. फैमिली कोर्ट में काउंसलर उनकी पत्नी डॉ सुजाता शर्मा ने बताया कि भूकंप को लेकर एक भय तो जरूर था, लेकिन वह सचेत थी. रात को सोने से पूर्व बैटरी से चलने वाला बल्ब जला कर रोशनी कर रखा था और घर के मुख्य द्वार की चाबी पास में रख कर सोयी थी. बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया था. दिनभर भी पूरी तरह अलर्ट रहे, हां पंखा पर लगातार जरूर देखते रहे. बाकी भूकंप के दौरान व बाद में खुद से ज्यादा अपनों की चिंता थी, जो बाहर रह रहे हैं. सिक्किम व सिलीगुड़ी में रहने वाले अपने परिजनों से बातचीत में भी काफी समय बीता. इसी दौरान बंगलुरू में रहने वाले बच्चों ने लगातार फोन कर हमारा हाल-चाल जाना.
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दहशत के 60 घंटे : जलती रही लाइट, चाबी थी पास में
फोटो – मनोज डॉ हेमशंकर शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक वरीय संवाददाता, भागलपुर तीन दिनों से लगातार आ रहे भूकंप के दौरान गुजरी रातों का जिक्र करते हुए डॉ हेमशंकर शर्मा कहते हैं कि पूर्व में गुजरात, उत्तराखंड आदि में भूकंप का काफी खराब अनुभव रहा. इसको लेकर इस भूकंप से भी भयभीत होना स्वाभाविक है, लेकिन […]
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