भागलपुर: खेती लायक सभी भूमि पर फसलों का शत-प्रतिशत आच्छादन सुनिश्चित करना है. सुखाड़ के कारण धान की रोपनी नहीं होने की सूरत में वैकल्पिक फसल से इसकी क्षतिपूर्ति की जायेगी. यह निर्देश सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिला पदाधिकारियों को दिया. इसके लिए जिले में वैकल्पिक फसल के तौर पर तोरिया, मकई आदि का बीज उपलब्ध करा दिया गया है.
जिला की ओर से बताया गया कि लक्ष्य के अनुरूप जिले में 88 प्रतिशत धान की रोपनी की गयी है. हालांकि बाढ़ के कारण इनमें कितनी फसल क्षतिग्रस्त हुई है, फिलहाल इसका सर्वे कराया जा रहा है. फसल सिंचाई को लेकर मुख्य सचिव ने नहर में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि यदि इसको लेकर कोई परेशानी है तो उसे तत्काल दूर किया जायेगा. इसके अलावा उन्होंने जिला में बाढ़ की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली. मुख्य सचिव ने बाढ़ राहत के लिए खाद्यान्न व राशि की उपलब्धता, पशु चारा की आवश्यकता आदि की भी जानकारी ली. उन्होंने कहा कि यदि इसकी कमी या किसी तरह की समस्या है तो मांग पत्र भेजें, तत्काल आपूर्ति की जायेगी.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव व जिला की ओर से डीएम प्रेम सिंह मीणा, अपर समाहर्ता श्यामल किशोर पाठक, जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, डीआरडीए निदेशक डॉ एसएन सिंह, प्रभारी जिला आपूर्ति पदाधिकारी रवींद्र कुमार, राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक शोभेंद्र कुमार चौधरी उपस्थित थे.