भागलपुर: क्या करें, पैसे अधिक लेते हैं पर सुविधा कोई नहीं दी जाती है. हॉस्टल में लड़के भी बेरोकटोक आ जाते हैं. परीक्षा सामने है. यहां पढ़ने-लिखने का माहौल नहीं है, ऐसे में वे लोग यहां नहीं रहना चाहती हैं, पर व्यवस्थापक उन्हें जबरन हॉस्टल में रहने को मजबूर कर रही हैं. मनाली चौक स्थित ज्ञानदीप हाइटेक गल्र्स हॉस्टल खाली करने को लेकर शुक्रवार को लड़कियों ने हंगामा खड़ा कर दिया. लड़कियां होस्टल छोड़ना चाह रही थी लेकिन व्यवस्थापक जाने नहीं दे रहे थे. हंगामे की सूचना पुलिस को दी गयी. मौके पर बरारी पुलिस पहुंची और लड़कियों को समझा-बुझा कर शांत कराया. लड़कियों का सामान वापस दिला कर हॉस्टल खाली करवाया गया.
हॉस्टल में 90छात्राएंरहती हैं. इनमें से एसएम कॉलेज में पढ़ने वाली छह छात्रएं हॉस्टल खाली करना चाहती थीं. शुक्रवार की शाम जब वे हॉस्टल छोड़ कर जाने लगी तो व्यवस्थापक पूर्व महापौर वीणा यादव ने उन्हें जाने से रोका. उनका सामान जब्त कर लिया. इसके बाद ही लड़कियां हंगामा करने लगी. लड़कियों का कहना था कि 10 सितंबर से बीएससी पार्ट-थर्ड की परीक्षा है और हॉस्टल में पढ़ाई-लिखाई का माहौल नहीं है. उनसे किराया भी अधिक लिया जाता है और बदले में कोई खास सुविधा भी नहीं दी जाती है.
लचर व्यवस्था के कारण यहां कभी भी कोई बेरोकटोट आ जाता है. वह यहां नहीं रहना चाहती हैं. उन्होंने सारा पैसा दे दिया है, फिर भी उन्हें खाली करने से रोका जा रहा है. दूसरी ओर, मौके पर मौजूद हॉस्टल की व्यवस्थापक पूर्व महापौर वीणा यादव ने बताया कि हॉस्टल उनका है और यहां रहने वाली लड़कियों के प्रति उनकी जवाबदेही है. बगैर अभिभावक के वह रात में इन लड़कियों को कैसे जाने दे सकती हैं.
यदि उनके अभिभावक आते हैं और वह इन्हें यहां से ले जायें तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उधर, हंगामा के बीच सूचना पाकर बरारी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया. पुलिस ने हॉस्टल खाली करने वाली लड़कियों को उनका सामान दिलाया और स्थानीय अभिभावक के साथ भेजवाया. बरारी थानाध्यक्ष अमर कुमार ने बताया कि लड़कियों का सामान वापस दिलवा दिया गया है. स्थानीय अभिभावक के साथ सभी लड़कियां भेजी गयी है.