दोनों कैदी बांका थाना कांड संख्या-97/14 के मामले में तीन साल की सजा काट रहे हैं. चंदन भोजपुर जिले के नगर थाना क्षेत्र के सिंगाही गांव का रहने वाला है, जबकि आशीष यादव बांका जिले के बाराहाट का. दोनों को बांका जेल से हाल ही में भागलपुर कैंप जेल में शिफ्ट किया गया है. मोबाइल बरामदगी को लेकर जेल अधीक्षक नीरज कुमार झा ने तिलकामांझी थाने में दोनों कैदियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.
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इधर जेल के तृतीय सेल में मिला स्मार्ट फोन
भागलपुर: कैंप जेल के तृतीय सेल के वार्ड नंबर-दो के शौचालय के पैन में एक निजी कंपनी का सिम लगा स्मार्ट फोन बरामद हुआ है. इस वार्ड में सजावार कैदी चंदन कुमार सिंह को रखा गया है. वहीं एक अन्य कैदी आशीष कुमार यादव के पास से मोबाइल चार्ज करने का तार बरामद हुआ है. […]
भागलपुर: कैंप जेल के तृतीय सेल के वार्ड नंबर-दो के शौचालय के पैन में एक निजी कंपनी का सिम लगा स्मार्ट फोन बरामद हुआ है. इस वार्ड में सजावार कैदी चंदन कुमार सिंह को रखा गया है. वहीं एक अन्य कैदी आशीष कुमार यादव के पास से मोबाइल चार्ज करने का तार बरामद हुआ है. सोमवार की सुबह जेल उपाधीक्षक रामानुज कुमार को मोबाइल के बारे में गुप्त सूचना मिली थी. कैदियों ने मोबाइल को शौचालय के पैन में प्लास्टिक में छुपा कर रखा था.
क्या है तृतीय सेल
जेल के तृतीय सेल को आम बोल चाल की भाषा में अंडा सेल भी कहा जाता है. उन्मादी कैदियों को तृतीय सेल में रखा जाता है. इस सेल में सिर्फ कैदियों के सोने और बैठने की व्यवस्था रहती है. जेल में कैदी लतीफ मियां की हत्या का आरोपी जग बहादुर सिंह को टी-सेल में रखा गया था. टी-सेल कैदियों के लिए एक प्रकार के सजा के समान है. यह अतिसुरक्षित माना जाता है. इसके शौचालय में मोबाइल मिलना जेल की सुरक्षा पर सवाल उठाता है.
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