भागलपुर: पिछले 20 दिनों से शहर में व्याप्त बिजली संकट का निदान मंगलवार को भी नहीं हो सका. रोजाना की तरह सुबह से शाम तक शहर को 50 मेगावाट बिजली मिली, लेकिन लोकल फॉल्ट, इंजीनियरों की लापरवाही व आवश्यकता से 20 मेगावाट कम बिजली मिलने के कारण शहर में कटौती जारी रही. आपूर्ति में कटौती 16 घंटों तक पहुंच गयी. यानी, शहर को तीन घंटे पर एक घंटे की आपूर्ति हुई. यहां बता दें कि शहर में निर्बाध आपूर्ति के लिए 70 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. दूसरी ओर शाम छह बजते ही आवंटन में कटौती कर दी गयी.
शहर को 32 मेगावाट बिजली मिली, जो आवश्यकता से आधी थी. आवंटन में कटौती के साथ ही शहर अंधेरे में डूब गया. आधा घंटा की बिजली आपूर्ति पर तीन की कटौती होती रही. बताया जाता है कि सबौर ग्रिड को उतनी बिजली नहीं मिली, जो शहर के तमाम विद्युत उपकेंद्र को एक साथ आपूर्ति कर सके. शहर को रात में बारी-बारी से बमुश्किल दो विद्युत उपकेंद्र को लोड कम कर आपूर्ति की जा रही है.
10 घंटा वाटर वर्क्स को नहीं मिली बिजली
सोमवार रात 11 बजे बरारी विद्युत उपकेंद्र के बरारी वाटर वर्क्स फीडर ब्रेक डाउन हो गया. बिजली नहीं मिलने के कारण शहर में जलापूर्ति नहीं हो सकी. इससे पूरे शहर में जल संकट गहराया रहा. इंजीनियरों को आपूर्ति लाइन दुरुस्त करने में 10 घंटा लग गया. यानी, मंगलवार सुबह नौ बजे आपूर्ति लाइन दुरुस्त हुआ, तो बिजली आपूर्ति बहाल हुई. शहर को पानी मिलना शुरू हुआ.
दक्षिणी शहर : दो घंटे पर आधा घंटा बिजली
बिजली आपूर्ति मामले में सबसे ज्यादा दक्षिणी शहर की स्थिति भयावह है. नया पावर ट्रांसफारमर एक साथ दो फीडर को चलाने में असमर्थ रहने व सबौर ग्रिड से अलीगंज को दो घंटे पर एक घंटे बिजली मिलने के कारण दक्षिणी शहर में बिजली संकट गहराया गया है. जानकारी के अनुसार मिरजानहाट व विक्रमशिला को दो घंटे पर आधा घंटा आपूर्ति हो रही है. इससे डेढ़-दो लाख आबादी प्रभावित है.