भागलपुर: जिला परिषद क्षेत्र संख्या एक बिहपुर पश्चिम के उपचुनाव में विजयी उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी पर कार्रवाई हो सकती है. उम्र संबंधी विवाद को लेकर प्राप्त शिकायत के आधार पर जांच कमेटी के नोटिस देने के बावजूद वे उपस्थित नहीं हुई और न ही अपनी उम्र को लेकर कोई साक्ष्य की प्रस्तुत किया. जांच कमेटी के सदस्यों ने बताया कि अब शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराये गये मैट्रिक सर्टिफिकेट की जांच करायी जायेगी और उसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
विदित हो कि जिला परिषद क्षेत्र संख्या एक बिहपुर पश्चिम के उपचुनाव के एक अन्य उम्मीदवार पप्पू सिंह ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी को शिकायत देकर विजयी उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी पर चुनाव में गलत उम्र एवं तथ्य छिपा कर नामांकन करने का आरोप लगाया था. अपने आवेदन के दिये साक्ष्य के रूप में बिहपुर थाना कांड संख्या 183/11 में दर्ज एफआइआर की कॉपी प्रस्तुत की थी. यह एफआइआर अन्नपूर्णा की मां किरण देवी ने दर्ज कराया है. इसमें उसके पति का नाम रंजन चौधरी लिखा है. यही नहीं एफआइआर की प्रस्तुति सह जब्ती सूची में अन्नपूर्णा की जन्म तिथि 18 अक्तूबर 1995 में दर्ज है और इस सूची पर उसके पिता जयहिंद चौधरी के हस्ताक्षर हैं.
इस तरह से शिकायतकर्ता पप्पू सिंह ने अन्नपूर्णा के नामांकन को की अवैध बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी. जिला पदाधिकारी प्रेम सिंह मीणा ने इसकी जांच के लिए डीआरडीए निदेशक डॉ एसएन सिंह व प्रभारी जिला आपूर्ति पदाधिकारी रवींद्र कुमार की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित करते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. टीम ने शिकायत के आधार पर जिला परिषद सदस्य अन्नपूर्णा देवी व शिकायतकर्ता को नोटिस देकर जांच कमेटी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था. उपस्थित होने की पहली तिथि 14 अगस्त थी. इस दिन जिप सदस्य उपस्थित तो हुई लेकिन वह अपनी उम्र के संबंध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी. इसके बाद साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 22 अगस्त की तिथि तय की गयी, लेकिन इस दिन जिप सदस्य नहीं आयी.
22 अगस्त को शिकायतकर्ता पप्पू सिंह जांच कमेटी के समक्ष उपस्थित होकर अपनी तरफ से साक्ष्य के रूप में अन्नपूर्णा का मैट्रिक का सर्टिफिकेट जमा कराया, जिसमें उनकी जन्म तिथि 18 अक्तूबर 1995 दर्ज है. इसके आधार पर अन्नपूर्णा देवी की उम्र फिलहाल 18 वर्ष के आसपास ही है और वह चुनाव लड़ने के लिए पात्र ही नहीं है. जिप सदस्य को अपना पक्ष रखने व साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए शनिवार (24 अगस्त) का दिन तय किया गया था, लेकिन वह नहीं आयी और न ही कोई सूचना ही दी. जांच कमेटी के सदस्यों ने बताया कि अब शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराये गये सर्टिफिकेट की जांच करायी जायेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. यदि सर्टिफिकेट सही पाया गया तो जिप सदस्य का नामांकन रद्द होने के साथ-साथ अन्य विधिसम्मत कार्रवाई भी हो सकती है.